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बुधवार, 21 मई, 2025
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दिव्यांग शिक्षण संस्थानों में संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था सुनिश्चित करें : योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन संस्थानों में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहराई से जांच-पड़ताल के बाद ही उनकी अनुमति दी जाए.

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को संवेदनशील, सजग और सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया है.

राज्य सरकार द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि दिव्यांग युवाओं के लिए संचालित शैक्षिक संस्थानों में प्रशासनिक तंत्र को और भी ज्यादा संवेदनशील, सजग और सतर्क रहने की ज़रूरत है.

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अराजक तत्वों द्वारा सुनियोजित ढंग से दिव्यांगजनों के विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भ्रम फैलाकर उन्हें अवांछित और समाजविरोधी गतिविधियों में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसी प्रवृत्तियों के प्रति हमें सतर्क रहते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिक-सामाजिक संरक्षण सुनिश्चित करना होगा.’’

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन संस्थानों में सहायता के नाम पर प्रस्ताव देने वाली बाहरी संस्थाओं की पृष्ठभूमि की गहराई से जांच-पड़ताल के बाद ही उनकी अनुमति दी जाए.

उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी बचपन डे केयर सेंटर्स, मानसिक मंदित आश्रय केंद्रों, समेकित विद्यालयों तथा ‘ममता’, ‘स्पर्श’ और ‘संकेत’ विद्यालयों का व्यापक निरीक्षण किया जाए. उनमें पढ़ रहे बच्चों से बातचीत कर उनकी ज़रूरतों, आकांक्षाओं और अभिभावकों की अपेक्षाओं को समझते हुए संस्थागत व्यवस्थाएं और अधिक मजबूत की जाएं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों को जल्द ही भरा जाए और जब तक नियमित नियुक्ति न हो तब तक अन्य वैकल्पिक व्यवस्था से योग्य युवाओं की सेवाएं ली जाएं. इन युवाओं को भविष्य की चयन प्रक्रियाओं में वरीयता दी जानी चाहिए.

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