scorecardresearch
Saturday, 18 May, 2024
होमदेशएडिटर्स गिल्ड ने कहा, मीडिया पर आरोप लगाना उसे कमजोर करने की प्रक्रिया जैसा

एडिटर्स गिल्ड ने कहा, मीडिया पर आरोप लगाना उसे कमजोर करने की प्रक्रिया जैसा

एडिटर्स गिल्ड ने अपने जारी बयान में कहा है,' सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों के पलायन का सारा दोष मीडिया पर जरे जाने से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया हैरान है.'

Text Size:

नई दिल्ली: पिछले दिनों लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़े शहरों से लोगों के पलायन कर रहे प्रवासी मजदूरों के बीच उत्पन्न हुए डर के माहौल का दोषी केंद्र सरकार ने मीडिया को बताया था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मजदूरों के पलायन का पूरा ठीकरा सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया पर जड़ दिया था. मीडिया पर लगाए जा रहे इन आरोपों का एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पुरजोर खंडन किया है और कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मीडिया को दोषी ठहराए जाने से ईजीआई को हैरानी हो रही है.

एडिटर्स गिल्ड ने अपने जारी बयान में कहा है, ‘सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों के पलायन का सारा दोष मीडिया पर जरे जाने से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया हैरान है.’ गिल्ड ने अपने बयान में आगे कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में काम करने की कोशिश वाले वक्त में मीडिया को दोषी ठहराना न केवल कमजोर करना है बल्कि इस संकट के दौरान खबरों के प्रसार की प्रक्रिया में बाधा डालने वाला है. दुनिया में किसी भी लोकतंत्र में अपनी मीडिया का मुंह बंद कर इस महामारी ने लड़ाई नहीं लड़ रहा है.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जताया विरोध/खत की प्रति

इसके साथ गिल्ड ने वेबसाइड द वायर के एडिटर इन चीफ के खिलाफ की गई एफआईआर पर भी ध्यान दिए जाने की बात कही है. गिल्ड ने ये भी कहा कि वेबसाइट द वायर के एडिटर इन चीफ के खिलाफ आपराधिक कानूनों के तहत एफआईआर किया जाना या पुलिस कार्रवाई करना एक ओवररिएक्शन और डराने की कार्रवाई है.

पिछले दिनों बड़ी संख्या में दिल्ली सहित कई राज्यों से प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों के हुए पलायन पर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई पर कहा था कि फर्जी और भ्रामक समाचार और सोशल मीडिया की वजह से हुआ है. बता दें कि संपूर्ण लॉकडाउन के ऐलान के बीच बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर अपने अपने घर जाने को निकल आए थे लेकिन बसों, गाड़ियों की व्यवस्था न होने पर उन्होंने पैदल ही चलना शुरू कर दिया था और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर वह अपने गांवों और राज्यों तक पहुंचे थे. मीडिया ने ही उन पलायन कर रहे मजदूरों के दर्द, नुकसान को दुनिया के सामने लाई थी.

एडिटर्स गिल्ड ने अपने जारी बयान में यह भी कहा है कि गिल्ड यह मानता है कि मीडिया को उत्तरायी , मुक्त और सच बोलना चाहिए लेकिन इसतरह कि दखलअंदाजी इसे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में कमजोर कर रही हैं.

share & View comments