नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उत्तरप्रदेश सरकार से मांग की है कि पत्रकार पवन कुमार जायसवाल पर से सारे मामले वापस लिए जाए. पवन ने अपनी एक रिपोर्ट में एक स्कूल में बच्चों को मिड डे मिल में रोटी और नमक दिए जाने के बारे में खुलासा किया था और वीडियो भी बनाया था.वीडियो सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गया था.
पवन पर उत्तरप्रदेश सरकार ने आपराधिक मामले की धारा के तहत मामाला दर्ज किया है. गिल्ड ने सरकार के इस कदम की आलोचना की है और सरकार से मांग की है कि पत्रकार पर से सारे मामले वापस लिए जाए.
गिल्ड ने बयान जारी करते हुए कहा है, ‘इस प्रकार की घटना निंदनीय है. गिल्ड ने कहा सरकार का कदम चौंकाने वाला है.’
The Editors Guild of India has issued a statement pic.twitter.com/F3q4WAlphn
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) September 2, 2019
जायसवाल के साथ राजकुमार पाल को भी सरकार की छवि धूमिल करने का आरोपी बनाया गया है. पवन पर आईपीसी की धारा -120बी, 186, 193 और 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
गिल्ड ने कहा, ‘सरकार को यह जांच करनी चाहिए कि मिड डे मिल में इस तरह की बात कहां सामने आ रही है. लेकिन सरकार ने इसके बदले एक पत्रकार पर ही मामला दर्ज कर दिया.’
इसके साथ ही कश्मीरी पत्रकार गौहर गिलानी के यात्रा पर प्रतिबंध लगाने पर भी गिल्ड ने आपत्ति जताई है. आपको बता दें कि गौहर गिलानी मीडिया ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए जर्मनी जा रहे थे लेकिन दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. गिल्ड ने अपने बयान में कहा, ‘सरकार ऐसी स्थिति न बनाए जिसमें संवैधानिक तौर पर मिले अधिकारों पर प्रतिबंध लगे.’