नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की बेल याचिका का विरोध करते हुए इन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मास्टर माइंड बताया. ईडी ने कहा कि अनिल देशमुख ने पैसा इकट्ठा करने के लिए अपने आधिकारिक पद का गलत इस्तेमाल किया.
एजेंसी ने यह भी कहा कि अगर अनिल देशमुख को बेल दे दी गई तो वह सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ कर सकते हैं. ईडी ने अनिल देशमुख की बेल के विरोध में बॉम्बे हाई कोर्ट में एफिडेविट डमा किया है.
ईडी ने बेल याचिका का विरोध करते हुए कहा- मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में अनिल देशमुख ही मास्टरमाइंड हैं और इन्होंने अपने पद का भी बहुत गलत इस्तेमाल किया है.
एजेंसी ने यह भी कहा कि अनिल देशमुख जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं और कई अहम तथ्यों को छुपा रहे हैं और जांच में इन्होंने ज्यादा चीजें बाहर लाने में भी मदद नहीं की.
ईडी ने बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है और कुछ लोगों से बातचीत करना अभी बचा है. ऐसे कई सवाल हैं जिनके जवाब अनिल देशमुख से नहीं मिल पाए हैं.
अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारी सचिन वाझे, संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे, को सस्पेंड कर दिया था जो जो कथित भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के मामले में 11 अप्रैल तक केंद्रीय जांच ब्यूरो की हिरासत में हैं.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री को ईडी ने 100 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवंबर पिछले साल नवंबर में अरेस्ट किया था .
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने अनिल देशमुख पर सस्पेंडेड सहायक निरीक्षक सचिन वाझे को हर महीने मुंबई के होटलों और बार से 100 करोड़ रुपये लेने के लिए कहने का आरोप लगाया था.
ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा उनके खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के मामले के आधार पर मामला दर्ज किया था.
इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास खड़ी एक कार से विस्फोटकों की बरामदगी की जांच के सिलसिले में मार्च 2021 में बर्खास्त मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को गिरफ्तार किया था.
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