नई दिल्ली : मानवाधिकारों की वैश्विक संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल की भारतीय इकाई द्वारा कथित रूप से विदेशी मुद्रा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के बाद उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है. अधिकारियों ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी के एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने मूल कंपनी एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत नियमों का उल्लंघन कर 51.72 करोड़ रुपये लेने पर अगस्त में नोटिस जारी कर दिया.
अधिकारियों ने कहा कि नोटिस पिछले महीने फेमा के एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया था, जो प्रवर्तन निदेशालय का एक विशेष निदेशक रैंक का अधिकारी है.
Show Cause Notice issued to Amnesty International India Pvt Ltd on 25 July by Special Director for alleged violation of Foreign Exchange Management Act
(FEMA) under Borrowing & Lending Regulations to the tune of Rs 51.72 crores. pic.twitter.com/q3Y6kjsIzW— ANI (@ANI) September 5, 2019
विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन पर ईडी ने पिछले साल एमनेस्टी इंडिया के बेंगलुरू स्थित कार्यालयों पर छापेमारी की थी.
पिछले साल भी की गई थी छापेमारी
एमनेस्टी इंटरनेशनल पर पिछले साल भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने संगठन के कार्यालय पर छापेमारी हुई थी. तब वजह विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के उल्लंघन का था. यह कार्रवाई जांच एजेंसी ने संगठन के बेंगलुरू स्थित कार्यालय पर की थी.
यह रहा मामला
एमनेस्टी का नोटिस देश में नागरिक सामाजिक गतिविधियों के लिए 51.72 करोड़ रुपये की उधारी और ऋण से जुड़ा हुआ है. संगठन पर आरोप है कि उसने यह राशि अपने मूल निकाय एमनेस्टी इंटरनेशनल, ब्रिटेन से सेवाओं के निर्यात के नाम पर हासिल की थी.