नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ शराब नीति मामले की जांच के तहत कारोबारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया। यह जानकारी दिप्रिंट को मिली है.
ईडी की एक टीम शुक्रवार सुबह भिलाई स्थित उनके घर पहुंची और उन्हें हिरासत में लिया.
एजेंसी के सूत्रों का आरोप है कि चैतन्य ने उस अवैध पैसे को संभाला जिसकी कुल राशि 1,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह रकम कथित तौर पर कांग्रेस पार्टी को भेजी गई थी जब बघेल मुख्यमंत्री थे. इस पैसे का कुछ हिस्सा चैतन्य ने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों और अपने दोस्तों की कंपनियों के ज़रिए वापस हासिल किया.
एजेंसी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज एफआईआर पर आधारित है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 70 लोगों और संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है. इन पर बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान शराब नीति में गड़बड़ी के आरोप हैं.
भिलाई में हुई कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि यह छापेमारी छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के आखिरी दिन की गई, ताकि अडाणी मुद्दे पर चर्चा को रोका जा सके.
उन्होंने रायपुर में पत्रकारों से कहा, “अडाणी का मुद्दा विधानसभा में उठाया जाना था और मोदी-शाह ने अपने बॉस को खुश करने के लिए ईडी को मेरे घर भेजा है. वे देशभर में विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रहे हैं, लोकतंत्र की हत्या और विपक्ष को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.”
“एक तरफ बिहार में चुनाव आयोग वोटरों को वंचित कर रहा है और लोकतंत्र को खत्म कर रहा है, वहीं सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और DRI जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जा रहा है. हम लोकतंत्र और न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं और इन एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहे हैं, भले ही सरकार इसका दुरुपयोग कर रही हो,” उन्होंने कहा.
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