भोपाल: मध्य प्रदेश अपनी समृद्ध अर्थव्यवस्था, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे, निवेशक-अनुकूल नीतियों और विशिष्ट प्रोत्साहन कार्यक्रमों की वजह से आज निवेश अवसरों के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उभर रहा है.
व्यापार के अनुकूल माहौल और निवेश के अवसर पैदा करने की मजबूत प्रतिबद्धता के चलते यह राज्य आज वृद्धि और विकास का ‘कुंभ’ बन चुका है.
विशेषरूप से मध्यप्रदेश पर्यटन, फार्मास्युटिकल्स, वाहन, खनन, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है.
मध्यप्रदेश 24-25 फरवरी को भोपाल में अपने द्विवार्षिक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इस सम्मेलन के जरिए जहां राज्य निवेश आकर्षित करने का प्रयास करेगा, वहीं अपनी आर्थिक क्षमता का भी प्रदर्शन करेगा.
शिखर सम्मेलन का उद्देश्य मध्यप्रदेश के निवेश माहौल और औद्योगिक बुनियादी ढांचे के बारे में निवेशकों को बताना है, जो संभावित सहयोग के कई अवसर प्रदान करते हैं.
राज्य 5,000 से अधिक किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग के नेटवर्क के साथ मजबूत संपर्क प्रदान करता है. इसके अलावा इसका रेल नेटवर्क भी मजबूत है और यहां से प्रतिदिन 550 ट्रेन गुजरती हैं. यह निर्यात तैयारी सूचकांक-2021 में 7वें स्थान पर है और विश्व बैंक द्वारा आयोजित कारोबार सुगमता (ईओडीबी) के मामले में प्रमुख भारतीय राज्यों में से एक है.
दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) के प्रभाव क्षेत्र में आने के कारण मध्यप्रदेश लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक विकास में अपार अवसर प्रदान करता है. मजबूत रेल और सड़क नेटवर्क के अलावा, राज्य में 100 से अधिक उड़ानों का परिचालन करने वाले छह वाणिज्यिक हवाई अड्डे और छह अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी) हैं, जो इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुलभ बनाते हैं.
कोयला, हीरा, तांबा, लौह अयस्क, ग्रेफाइट, मध्यप्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण खनिज संसाधन हैं. दस्तावेज़ बताते हैं कि यह तांबा, मैंगनीज, मोलिब्डेनम और हीरे का सबसे बड़ा उत्पादक है.
राज्य के कुछ प्रमुख केंद्रित क्षेत्रों में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, आईटी/आईटीईएस, पर्यटन, कपड़ा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स, वाहन, दवा और फार्मास्युटिकल्स और रक्षा और वैमानिकी शामिल हैं.
आठ खाद्य पार्कों, डेढ़ करोड़ टन की भंडारण क्षमता और 3,54,000 वर्ग मीटर से अधिक का शीत भंडारण रखरखाव क्षेत्र मध्यप्रदेश को उद्योगों के लिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. 3,08,252 किलोमीटर क्षेत्र के साथ इसमें जैविक खेती के तहत सबसे बड़ा क्षेत्र है (भारत का 27 प्रतिशत जैविक उत्पादन मध्य प्रदेश में होता है).
राज्य की बड़ी आबादी एक विशाल उपभोक्ता बाज़ार प्रदान करती है. मध्यप्रदेश ने राज्य में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए आकर्षक नीतियां बनाई हैं. यह कई प्रोत्साहन प्रदान करता है, जिसमें संयंत्र और मशीनरी में निवेश के 40 प्रतिशत तक निवेश प्रोत्साहन सहायता और पूंजी सब्सिडी के गुणक शामिल हैं. इनमें रोजगार सृजन पर 1.5 गुना पूंजी सब्सिडी; निर्यात पर 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी; और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए 1.2 गुना पूंजी सब्सिडी आती है. यह बिजली, पानी और सड़क बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए बुनियादी ढांचा विकास सहायता भी प्रदान करता है.
दस्तावेज़ के अनुसार, राज्य सरकार की नीतियां कपड़ा और परिधान, फार्मा और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को भी प्रोत्साहन प्रदान करती हैं.