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Friday, 1 November, 2024
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निर्मला सीतारमण के बजट में लगी कविता और दिव्यता की छौंक

वित्त मंत्री ने आज देश का 89वां केंद्रीय बजट पेश किया. 2 घंटे 9 मिनट चले इस भाषण में सत्ता पक्ष ने निर्मला का उत्साहवर्धन करते हुए करीब 86 बार मेजें थपथपाईं.

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नई दिल्ली: देश का फुल टाइम बजट पेश करने का गौरव प्राप्त कर चुकीं पहली महिला वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में कविता से लेकर दिव्यता तक की झलक पेश की. इस दौरान उन्होंने विवेकानंद की दिव्यता के साथ उर्दू के कवि मंजूर हाश्मी और लॉर्ड बसेश्ववर की कुछ कविताओं की छौंक लगाई.

अपनी पहले के बजट को पेश करने के दौरान सीतारमण ने सबसे पहले हाश्मी की एक शायरी से शुरुआत की ‘यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर चिराग जलता है.‘ उनके इस कविता के पढ़ते ही सदन में सांसदों ने उनकी खूब सराहना की.

बजट पढ़ने के दौरान सीतारमण ने चाणक्य- नीति की कुछ पंक्तियां भी पढ़ीं. जिसमें उन्होंने ‘कार्या पुरुष करे न लक्ष्यम संपा दायते. उन्होंने अगले कुछ वर्षों में भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की बात करते हुए चाणक्य का संदर्भ दिया.

उन्होंने कहा कि लोगों को आश्चर्य और संदेह है कि क्या लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. महिला सशक्तीकरण के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने स्वामी विवेकानंद का हवाला देते हुए कहा, ‘जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तब तक दुनिया में कल्याण का कोई मौका नहीं मिलता है. एक पक्षी का एक पंख पर उड़ना संभव नहीं है.

इस दौरान निर्मला सीतारमण ने 12वीं सदी के समाज सुधारक और विचारक भगवान बसवेश्वरा के सिद्धांतों का भी आह्वान किया और कहा, ‘हमारी सरकार भगवान बसवेश्वरा की शिक्षाओं को मान्यता देती है और उनका अनुसरण करती है जिन्होंने ‘कयाकव कैलासा’ यानी कर्म ही पूजा है का प्रचार किया था. भगवान बसवेश्वरा वही थे जिन्होंने सबसे पहले ‘कल्याण राज्य’ की अवधारणा स्थापित की थी. कराधान की बात करते हुए, सीतारमण ने संगम-युग तमिल पुराणों में पिसीरंधयार द्वारा लिखे गए तमिल क्लासिक ‘यानै पुगंधा निलम’ को भी उद्धृत किया.

मंत्री ने तमिल में कहा कि ‘एक हाथी एक धान के खेत से दो टीले चावल पाकर खुश हो जाएगा लेकिन अगर यह खेत में जाएगा तो खाएगा कम रौंदेगा ज्यादा. उन्होंने कहा, ‘यह वह सिद्धांत है जिसका हम कराधान में पालन करेंगे. हम केवल उस कर को इकट्ठा करने में खुश होंगे जो करदाता से जरूरी है. हम करदाता को रौंदेंगे नहीं.’

बजट पेश करने के लिए संसद में एक ब्रीफकेस ले जाने की परंपरा को तोड़ते हुए, वह लाल रंग के मखमली कपड़े में सदन के बाहर एक बही खाता के साथ दिखीं. जब वह बजट पेश कर रही थीं तब सीतारमण के माता-पिता भी लोकसभा में मौजूद थे.

वित्त मंत्री ने आज देश का 89वां केंद्रीय बजट पेश किया. 2 घंटे 9 मिनट चले इस भाषण में सत्ता पक्ष ने निर्मला का उत्साहवर्धन करते हुए करीब 86 बार मेजें थपथपाईं. वहीं इस दौरान यह भी देखने को मिला की निर्मला ने एक सांस में ही पूरा भाषण पढ़ा. उन्होंने इस दौरान पानी भी नहीं पीया.

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