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Friday, 26 September, 2025
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देशी उत्पादों की चमक और विदेशी खरीदारों की दिलचस्पी से गुलजार हुआ यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो

उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट नेटवर्क ने यूपी को निवेश का केंद्र बना दिया है.

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लखनऊ/ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) 2025 गुरुवार को परंपरा और आधुनिकता का संगम बन गया. देशी उत्पादों की नुमाइश और विदेशी खरीदारों की मौजूदगी ने आयोजन स्थल को अंतरराष्ट्रीय बाजार की चहल-पहल से भर दिया. 75 जिलों से आए 2250 से अधिक प्रदर्शकों ने अपनी कला और हुनर की ताक़त दिखाई.

भदोही के कालीन, मुरादाबाद का पीतल और फिरोजाबाद का ग्लासवर्क विदेशी प्रतिनिधियों को खूब भाए. वहीं आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर सेक्टर के स्टॉल पर निवेशकों ने गहरी रुचि दिखाई. ओडीओपी पवेलियन सबसे बड़ा आकर्षण रहा, जिसने जिलों के पारंपरिक उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का मंच दिया.

उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट नेटवर्क ने यूपी को निवेश का केंद्र बना दिया है. उन्होंने कहा, “जिलों के उत्पादों की एक कैटलॉग ही अब अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के लिए पर्याप्त हो जाती है.”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सीएम युवा उद्यमी योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान और ओडीओपी जैसी योजनाओं ने लाखों युवाओं और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाया है. उन्होंने भरोसा जताया कि यूपी आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उद्योग में निवेश के दम पर विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनेगा.

ट्रेड शो में विदेशी खरीदार भारतीय परिधान और हस्तशिल्प देखकर ही नहीं, बल्कि पहनकर और परखकर भी उत्साहित नजर आए. परिधानों और हैंडीक्राफ्ट्स के स्टॉल पर खूब भीड़ रही. कालीन और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में नए करारों की संभावनाएं तलाशी गईं. मिठाइयों और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी विदेशी प्रतिनिधियों को खूब रास आया.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपी के पास अभी 77 जीआई टैग उत्पाद हैं और 75 नए उत्पादों को जोड़ने की प्रक्रिया जारी है. यह उपलब्धि प्रदेश को देश का ‘जीआई कैपिटल’ बना चुकी है.

यूपीआईटीएस 2025 ने यह संदेश साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ परंपरागत शिल्प का नहीं, बल्कि आधुनिक उद्योग और स्टार्टअप्स का भी वैश्विक केंद्र है. यहां हुई मुलाकातों और संवादों ने यह साबित किया कि लोकल टू ग्लोबल की यात्रा का नेतृत्व अब यूपी कर रहा है.

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