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Sunday, 3 November, 2024
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यस बैंक का पुनर्गठन भरोसेमंद और मजबूत, जमाकर्ताओं का धन पूरी तरह सुरक्षित: आरबीआई

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यस बैंक के संकट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं और निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की.

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नई दिल्ली: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को यस बैंक के संकट पर मीडिया से बात करते हुए बैंक के निवेशकों को भरोसा दिलाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बैंक जमाकर्ताओं का धन पूरी तरह सुरक्षित है.

शक्तिकांत दास ने कहा कि वह यस बैंक के जमाकर्ताओं को बताना चाहते हैं कि उनका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक और भारत सरकार द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है. बैंक पर लगाई गई पाबंदी (मोराटोरियम) को बुधवार 18 मार्च शाम 6 बजे हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पिछले सात महीने में बैंक को हर दिन मॉनिटर किया गया.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यस बैंक संकट के समाधान को लेकर सरकार तथा केंद्रीय बैंक ने त्वरित कदम उठाये हैं.

शक्तिकांत दास ने यस बैंक ग्राहकों को भरोसा दिलाया कि बैंक का पुनर्गठन भरोसेमंद और मजबूत है. बैंक में जमाकर्ताओं का धन पूरी तरह से सुरक्षित है. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि बैंक निजी क्षेत्र की इकाई बना रहेगा.

उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के छोटे बैंकों समेत बैंकों की सेहत बेहतर है, यस बैंक मजबूत पुनरूद्धार योजना के अंतर्गत है.

सरकार की अधिसूचना में कहा गया, ‘सरकार द्वारा पुनर्गठित बैंक के लिये पहले जारी किया गया पाबंदी का आदेश … योजना के लागू होने के तीसरे दिन 18:00 बजे से समाप्त हो जायेगा.’

यस बैंक ने चालू वित्त वर्ष की 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही के दौरान 18,654 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया गया है. बैंक को दिये गये कर्ज के लिये ऊंचा प्रावधान किये जाने की वजह से उसका घाटा बढ़ा है.
इससे एक साल पहले 2018- 19 में इसी तिमाही में बैंक ने 1,001.8 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रकोप पर बात करते हुए कहा कि इसके कारण घरेलू और वैश्विक आर्थिक वृद्धि पर असर पड़ेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के प्रभाव से निपटने को लेकर कई नीतिगत उपाय हैं और वह उसके लिये तैयार है.

दास ने कहा कि आरबीआई विदेशी विनिमय बाजार को 23 मार्च को बिक्री/खरीद अदला-बदली पर 2 अरब डॉलर और सुलभ कराएगा.

उन्होंने कहा कि आरबीआई जून में रेपो दर पर एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के बांड की खरीद-फरोख्त का एक और दौर शुरू करेगा.

दास ने कहा कि कानून के तहत नीतिगत दर में कटौती मौद्रिक नीति समिति के जरिये किया जाता है लेकिन वह किसी भी संभावना से इनकार नहीं कर रहे.

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