नई दिल्ली: आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कोविड-19 लकॉडाइउन में अर्थव्यवस्था के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी और हालत को बेहतर करने के लिए बड़े ऐलान किए.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 को लेकर आज मानवता अपने परीक्षण समय से गुजर रही है. इस तरह के वातावरण में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बहुत सक्रिय और स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है. कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर है.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई में मैं अपने 150 ऑफिसर, स्टाफ की टीम की सराहना और शुक्रियादा करना चाहूंगा, जो क्वारंटाइन में अपने परिवार से दूर हैं और 24 घंटे काम पर हैं ताकि जरूरी सेवाएं चलती रहें.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत उन मुट्ठीभर देशों में है जहां सकारात्मक ग्रोथ रेट दिखी है जो 1.9 प्रतिशत के आसपास है, आईएमएफ के अनुमान के मुताबिक ये जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा है.
उन्होंने कहा कि कोरोना खत्म होने के बाद 7.4 फीसदी की विकास दर का अनुमान है.
आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि फरवरी के आईआईपी आंकड़ों में कोविड-19 के प्रभाव समाहित नहीं.
शक्तिकांत दास ने बताया कि रिवर्स रेपो रेट में 25 पॉइंट की बेसिस कमी के साथ रिवर्स रेपो रेट 4 से घटर 3.75 फीसदी कर दिया गया है. रेपो दर में कोई बदलाव नहीं.
उन्होंने कहा कि आरबीआई ने बैंकिंग सेक्टर को सुचारू करने के लिए कई कदम उठाए हैं. देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि देश में अनाज की कोई कमी नहीं. भारत का मुद्रा भंडार 476 बिलियन डॉलर है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ एलटीआरओ-2.0 शुरू होगा.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी जैसे वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता उपलबध कराई जाएगी.
शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों द्वारा मौजूदा ऋणों की वापसी पर लगाई गई रोक पर 90 दिन का एनपीए नियम लागू नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना का असर छोटे और बड़े उद्योगों पर पड़ा है. मार्च में ऑटोमोबाइल उत्पादन, बिक्री में तेज गिरावट, बिजली मांग भी तेजी से घटी है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि मार्च में निर्यात 34.6% घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक है.
उन्होंने कहा कि आरबीआई प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखने, बैंक ऋण प्रवाह को आसान बनाने, वित्तीय दबाव को कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा करेगा.
लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था सुचारू चले इसके लिए उन्होंने कहा कि हमारे अधिकारी कोरोना से लड़ने में लगे हैं. नेट बैंकिग, मोबाइल बैंकिंग पूरी तरह काम कर रहा है.
आरीबई गवर्नर ने कहा कि दुनिया मे बड़ी मंदी के आसार हैं. आटो मोबाइल सेक्टर में तेज गिरावट है.