नई दिल्लीः मोदी सरकार ने अपना अंतिम और छठवां बजट 2019 पेश कर दिया है. आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश किया है, जिसमें किसानों, मजदूरों और आम आदमी को साधने की पूरी कोशिश की गई है. टैक्स में ऐतिहासिक छूट के साथ मजदूरों, किसानों, घरेलू कामगारों सबके लिए बजट में कुछ न कुछ है.
आइए जानते हैं कि उद्योग जगत की इस पर प्रतिक्रिया
Neeru Ahuja, Partner, Deloitte: We all were expecting it, If we add up all the things then people with an annual income around Rs 7.5 lakh won’t have to pay tax. It wasn’t the full budget, it was interim budget, so I would give it a 8/8.5 out of 10. pic.twitter.com/qCApHAa8iU
— ANI (@ANI) February 1, 2019
नीरू अहूजा, पार्टनर डेलॉयट ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि अगर हम सारी चीजें जोड़ें तो लोगों की सालाना आय 7.5 के आसपास बनती है, जिस पर टैक्स न चुकाना पड़े. यह पूरा बजट नहीं अंतरिम था, इस लिहाज से मैं इसे 10 में से 8/8.5 नंबर देना चाहूंगी.
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक मुंबई की सीनियर इकॉनॉमिस्ट अनुभूति सहाय के अनुसार 2019 वित्त वर्ष व 2020 का भी राजकोषीय घाटा लक्ष्य थोड़ी फिसलन के साथ अभी तक बाजार के आशाओं के अनुरूप है. यह बजट बाजार को काफी राहत पहुंचाएगा.
शैला शाह, सीनियर इंडिया इकॉनॉमिस्ट, कैपिटल इकॉनॉमिस्ट, सिंगापोरे का कहना है कि बजट लगभग हमारी आशाओं के अनुरूप है. एक चीज ने आश्चर्य पहुंचाया है कि चुनाव से संबंधित लोकलुभावन बातें बढ़-चढ़कर हैं.
अभीक बरुआ, चीफ इकॉनॉमिस्ट, एचडीएफसी बैंक, दिल्ली का कहना है कि राजकोषीय घाटे में थोड़ी फिसलन के साथ यह उम्मीदों के अनुरूप बजट है. वास्तविक संख्या के लिहाज से देखें तो नई आय समर्थन योजना उत्साहहीन है.
रूपा रेजे, नितसुरे, ग्रुप चीफ इकॉनॉमिस्ट, एल एंड टी फिनांस होल्डिंग्स, मुंबई के अनुसार बिना किसी बड़े बदलाव के यह बेहतर प्रदर्शन करने वाला और आकांक्षाओं वाला बजट है. कुछ महीनों तक के लिए इस अंतरिम बजट से ऐसी ही उम्मीद थी.