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Wednesday, 12 November, 2025
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मध्य प्रदेश तेज़ी से बन रहा देश का डिजिटल स्टेट, इंदौर में ‘MP टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025’ का आयोजन

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-भोपाल में 100 आईटी कंपनियों ने लगभग 34 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिससे दो लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इनमें से 28 प्रोजेक्ट जल्द ही धरातल पर उतरने वाले हैं.

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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश आईटी क्षेत्र में निवेश का नया गढ़ बनता जा रहा है. राज्य सरकार की नई नीतियों और निवेशकों के बीच बढ़ते भरोसे का परिणाम है कि प्रदेश अब ‘डिजिटल स्टेट’ बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

बीते वर्ष आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और देश-विदेश में हुए रोड शो—जैसे यूके, जर्मनी और जापान में—के जरिए निवेशकों को आकर्षित किया गया. फरवरी में भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के प्रभावशाली परिणामों ने औद्योगिक क्षेत्र, खासकर आईटी सेक्टर में, मध्यप्रदेश को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं.

इसी कड़ी में रविवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में प्रदेश का पहला “एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” आयोजित होगा, जिसमें देश-दुनिया के तकनीकी विशेषज्ञ और निवेशक शिरकत करेंगे.

राज्य सरकार दो शहरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल पर विकसित करने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस पायलट प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. फिलहाल एग्रीटेक, स्कूली शिक्षा, वन, बिजली और पुलिस विभाग में एआई का उपयोग किया जा रहा है.

ग्वालियर में देश का पहला टेलीकॉम मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन (TMZ) भी आकार ले रहा है, जिसमें 12 हजार करोड़ रुपए का निवेश और 5 हज़ार से अधिक रोज़गार सृजन का अनुमान है. डिक्सॉन, वॉयकॉन, आईबीएम, निक्सन और एरिक्सन जैसी बड़ी कंपनियां यहां निवेश के लिए आगे आ रही हैं.

साथ ही ग्वालियर आईटी पार्क और साडा क्षेत्र में भी निवेशकों की भारी मांग को देखते हुए ज़मीन आवंटन की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है.

भोपाल और जबलपुर में ‘ईएमसी 2.0’ योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किए जाएंगे. इससे राज्य में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को नया आयाम मिलेगा.

डाटा सेंटर, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (BPO), नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग (KPO) और आईटी स्टार्टअप्स के लिए भी इंदौर और भोपाल नए केंद्र बनकर उभर रहे हैं. विभिन्न कंपनियों की सक्रियता से प्रदेश में डिजिटल ईकोसिस्टम लगातार मजबूत हो रहा है.

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-भोपाल में 100 आईटी कंपनियों ने लगभग 34 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिससे दो लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे. इनमें से 28 प्रोजेक्ट जल्द ही धरातल पर उतरने वाले हैं.

‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025’ के दौरान ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स, सेमीकंडक्टर्स, कॉमिक्स, एक्सटेंडेड रियलिटी (XR) और ड्रोन टेक्नोलॉजी से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की जाएंगी. साथ ही जीसीसी, आईटी, आईटीईएस, सेमीकंडक्टर्स, ड्रोन और एवीजीएस-एक्सआर पॉलिसी राज्य को देश के अग्रणी डिजिटल हब में बदलने में मदद करेंगी.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल से प्रदेश न सिर्फ निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना बन रहा है, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में भी निर्णायक भूमिका निभा रहा है.

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