scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशअर्थजगतलोकसभा चुनाव: कानून मंत्रालय को केंद्रीय बजट में आगे की देनदारियों को पूरा करने के लिए धन मिला

लोकसभा चुनाव: कानून मंत्रालय को केंद्रीय बजट में आगे की देनदारियों को पूरा करने के लिए धन मिला

मंत्रालय को अलग से 34 करोड़ रुपये दिए गए हैं, ताकि निर्वाचन आयोग नयी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीद सके और पुरानी मशीनों को नष्ट कर सके.

Text Size:

नई दिल्ली: हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव की देनदारियां निपटाने के लिए कानून मंत्रालय के वास्ते बजट में 1000 करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं, जबकि फोटो पहचान पत्र जारी करने में हुए व्यय में केंद्र की हिस्सेदारी के भुगतान को लेकर 404 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

मंत्रालय को अलग से 34 करोड़ रुपये दिए गए हैं, ताकि निर्वाचन आयोग नयी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) खरीद सके और पुरानी मशीनों को नष्ट कर सके.

ईवीएम को 15 साल तक ही कायम रखा जा सकता है, उसके बाद इसे निर्वाचन आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों की ओर से जारी प्रोटोकॉल के अनुसार नष्ट कर दिया जाता है.

इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) दो ऐसे सार्वजनिक उपक्रम हैं, जो ईवीएम बनाते हैं। एक ईवीएम में कम से कम एक बैलेट यूनिट (बीयू), एक कंट्रोल यूनिट (सीयू) और एक पेपर ट्रेल मशीन होती है.

2023 की शुरुआत में ईवीएम में एक बैलेट यूनिट की लागत 7,900 रुपये, एक कंट्रोल यूनिट की लागत 9,800 रुपये और एक पेपर ट्रेल मशीन की लागत 16,000 रुपये थी.

राज्य सरकारों को संसदीय चुनावों के लिए केंद्र द्वारा राशि प्रदान की जाती है, जिसमें सामान्य व्यय और मतदाता सूची की छपाई की लागत शामिल है.

लोकसभा चुनाव में लगभग 97 करोड़ मतदाताओं में से 54 करोड़ से अधिक ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.


यह भी पढ़ें: Budget 2024: केंद्र ने बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा


 

share & View comments