नई दिल्ली: शुक्रवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (आईआईपी) द्वारा मापी गई भारत के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि जून में घटकर 12.3 प्रतिशत रह गई. यह पिछले महीने में 19.6 प्रतिशत थी.
जून 2021 में आईआईपी की वृद्धि 13.8 फीसदी रही थी.
मैन्युफैक्चरर सेक्टर, जो आईआईपी का 77.63 प्रतिशत है, ने जून में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले महीने 20.6 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले काफी कम है.
मई 2022 में दर्ज 23.5 प्रतिशत की तुलना में जून में पावर सेक्टर की वृद्धि घटकर 16.4 प्रतिशत रह गई. खनन क्षेत्र, जिसका आईआईपी में 14.37 प्रतिशत भार है, ने जून में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, ‘जून 2022 के महीने के लिए, 2011-12 के आधार के साथ आईआईपी का त्वरित अनुमान 137.9 है. जून 2022 के महीने के लिए खनन, विनिर्माण और बिजली क्षेत्रों के लिए ईआईपी क्रमशः 113.4, 136.3 और 196.9 है.’
उधर, खुदरा महंगाई जुलाई में कम होकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई है जो मार्च के बाद सबसे कम है. हालांकि यह भारतीय रिजर्व बैंक के सात महीनों के लक्ष्य सीमा से ऊपर है.
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में महंगाई दर 7.01 प्रतिशत जबकि जुलाई 2021 में 5.59 प्रतिशत थी.
आंकड़ों के मुताबिक खाद्य महंगाई भी जुलाई महीने में नरम पड़कर 6.75 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि जून में यह 7.75 प्रतिशत थी.
हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर की उच्च सीमा 6.0 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. यह पिछले सात महीने से 6.0 प्रतिशत से ऊपर है.
रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
चालू वित्त वर्ष के पहले तीन महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 7.0 प्रतिशत से ऊपर रही है.
भाषा के इनपुट से
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