नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के केंद्रीय निदेशक मंडल ने बजट के बाद की बैठक के लिए शनिवार को मुलाकात की. इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई लक्ष्य समान रूप से संतुलित है.
उन्होंने कहा, ‘वास्तविक ब्याज दरें अभी सकारात्मक क्षेत्र में आई हैं और नकारात्मक वास्तविक दरों के बने रहने से जोखिम पैदा हो सकता है जिससे बचना चाहिए.’
उन्होंने आगे कहा कि आरबीआई की दर वृद्धि मूल्य स्थिरता बनाए रखने की प्रक्रिया का हिस्सा है. अपनी दरें तय करना बैंकों पर निर्भर करता है.
उधर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि नई आयकर व्यवस्था ने प्रभावी रूप से लोगों के हाथों में अधिक पैसा दिया है इसलिए यह उन पर निर्भर करता है कि वह अपने पैसे की बचत करना चाहते हैं या खर्च करना चाहते हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि वो क्रिप्टो को लेकर जी-20 में चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो में बहुत तकनीक शामिल है, यह 99 प्रतिशत तकनीक है. सीतारमण ने कहा कि भारत सरकार सभी देशों से बात कर रही है अगर सभी देश एक मानक संचालन प्रक्रिया प्राप्त कर सकें ताकि एक नियामक ढांचे का पालन किया जा सके.
उन्होंने कहा, ‘बजट में क्रिप्टो पर कुछ नहीं था लेकिन जी-20 देशों से हमारी चर्चा जारी है और हम सभी देशों से बात कर रहे हैं कि क्या एक मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जा सकती है. सिर्फ एक देश क्रिप्टो को अपने आप नियंत्रित नहीं कर सकता है. ‘
वहीं, वित्त मंत्री ने अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता पर कहा कि भारत के रेग्यूलेटर्स को काफी अनुभव है और वो हालात संभाल सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारत के नियामक बहुत अनुभवी हैं और वे अपने डोमेन के विशेषज्ञ हैं और वो मामले को समझते हैं.’
वित्त मंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘जाहिर तौर पर आप यह उम्मीद नहीं कर रहे हैं कि मैं आपको वह बताउंगी जो मैं अदालत में कहूंगी.’
इससे पहले भी वित्त मंत्री ने इस मुद्दे पर कहा था कि इस एक घटना से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत की छवि पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अडानी विवाद में उसके हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की थी. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था, ‘क्या हम हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि ऐसा दोबारा न हो? हम नीतिगत मामलों में नहीं पड़ना चाहते. यह सरकार के लिए है.’
सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय और सेबी से जवाब मांगा है कि हालिया बाजार घटना के मद्देनजर निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए.
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ स्टॉक हेरफेर के आरोप लगाया था जिससे उसके कारोबार को काफी नुकसान हुआ है.
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