नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा को लेकर गुरुवार को दूसरी बार मीडिया को जानकारी दी और प्रवासी श्रमिकों, सड़क के किनारे स्टॉल या रेहड़ी लगाने वालों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार वालों और छोटे किसानों के लिए बड़े ऐलान किए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को मिलेगा लाभ.
उन्होंने राहत पैकेज की दूसरी किस्त जारी करते हुए कहा, तीन करोड़ छोटे किसान पहले ही कम ब्याज दर पर 4 लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुके हैं. 25 लाख नये किसान क्रेडिट कार्डधारकों को 25,000 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है.
सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस के प्रकोप से प्रभावित अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को राहत पहुंचाने के लिये मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी के करीब 10 प्रतिशत) के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की थी. इस पैकेज में 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में नकदी व खाद्यान्न मदद की मार्च में की गयी घोषणा तथा रिजर्व बैंक द्वारा किये गये 5.6 लाख करोड़ रुपये के विभिन्न उपाय भी शामिल हैं.
20 लाख करोड़ रुपये के कुल पैकेज के बाकी हिस्सों की घोषणा वित्त मंत्री किस्तों में करेंगी. इसके तहत बुधवार को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों, एनबीएफसी और विद्युत वितरण कंपनियों के लिये 5.94 लाख करोड़ रुपये के राहत उपायों की घोषणा की गयी थी.
सीतारमण ने कहा कि पिछले मार्च और अप्रैल महीने में 63 लाख ऋण मंजूर किए गए जिसकी कुल राशि 86600 करोड़ रुपया है जिससे कृषि क्षेत्र को बल मिला है.
वित्तमंत्री ने कहा कि कॉर्पोरेटिव बैंक और रीजनल रुरल बैंक को मार्च 2020 में नाबाड ने 29,500 करोड़ के रिफाइनेंस का प्रावधान किया. ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों को मार्च में 4200 करोड़ की रुरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड राशि दी गई. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों की खरीद के लिए 6700 करोड़ की वर्किंग कैपिटल भी राज्यों को उपलब्ध करवाई गई है.
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर और शहरी गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए आपदा राहत फंड के माध्यम से 11000 करोड़ से अधिक की राशि राज्यों को उपलब्ध करवायी गई.
वित्तमंत्री ने कहा कि लेबर कोर्ट से हम मजदूरों को लाभ देने जा रहे हैं. न्यूनतम वेतन की यूनिवर्सलाइजेश पूरे देश में की जाएगी. नियुक्ति पत्र भी सभी मजदूरों को मिलेंगे. साल में इनका एक बार स्वास्थ्य चेकअप किया जाएगा. सभी प्रवासी मजदूरों को देशभर में ईएसआईसी कवरेज मिलेगी. घर लौट रहे मजदूरों की रिस्किलिंग बहुत जरूरी हो गई है अब.
वित्तमंत्री ने कहा कि 12,000 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) ने कोरोनावायरस संकट के दौरान 3 करोड़ मास्क और 1.2 लाख लीटर सैनिटाइजर बनाया, इन्हें पैसा पोर्टल के जरिये उपलब्ध कराया जा रहा है. पिछले 2 महीनों में शहरी गरीबों के लिये 7,200 नये स्वयं सहायता समूह बनाये गये.
उन्होंने कहा कि सोशल सेक्योरिटी फंंड असंगठित क्षेत्र के लिए प्रावधान किया गया है. महिलाओं को रात्रि ड्यूटी के लिए शेफगार्ड दिया जाएगा.
सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार के अवसरों पर कहा, मनरेगा के तहत 13 मई तक 14.62 करोड़ मानव दिवस सृजित किये गये. जो मजदूर गांव लौट रहे हैं उनकी मदद की योजना है. मनरेगा के तहत जो काम चाहते हैं उन्हें दिया गया है. 182 रुपये की दिहाड़ी 202 रुपये कर दी गई है. इस पर कुल 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए.
23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थी 83% PDS की जनसंख्या अब तक इसमें कवर हो चुकी है और मार्च 2021 तक हम इसे 100% कवर कर लेंगे.
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा संकट आज है. टेक्नालॉजी इनकी मदद में बड़ा रोल निभा रही है.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को राशन की सुविधा के लिए 3500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इससे मजदूरों को 5-5 किलो गेहूं-चावाल, एक किलो चना, अगले 2 महीने तक मिलते रहेंगे. इसे लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सराकरों की है.
सीतारमण ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों के लिए वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना ला रहे हैं, देश में कहीं से भी वह किसी भी डिपो से राशन ले सकेगा.
वित्रीमंत्री ने रेहड़ी-पटरी और ठेले पर सामान बेचने वाले हमारे भाई-बहन हैं उनके लिए 5000 करोड़ की विशेष सुविधा लेकर आए हैं. 10000 रुपए प्रति व्यक्ति इनको सुविधा दी जाएगी. जो डिजिटल पेमेंट करेगा उनको ईनाम भी मिलेंगे. इससे आने वाले समय में उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा. 50 लाख फेरी वालों को फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि सरकार प्रवासी मजदूरों के लिये किफायती किराया आवास योजना शुरू करेगी. छह लाख से 18 लाख रुपये की वार्षिक आय वाले मध्यम आय श्रेणी परिवारों के लिये किफायती आवास योजना का लाभ मार्च 2021 तक बढ़ाया जायेगा.
वित्त मंत्री ने 50 हजार रुपये तक के मुद्रा-शिशु ऋण के लिये 1,500 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता योजना की घोषणा की.