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Saturday, 7 September, 2024
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Budget 2024: सरकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए 309.74 करोड़ रुपये आवंटित

कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्मिक मंत्रालय, दिल्ली में आईएसटीएम और मसूरी स्थित एलबीएसएनएए ‘फाउंडेशन पाठ्यक्रम, रिफ्रेशर पाठ्यक्रम, करियर के मध्य में प्रशिक्षण सहित कई कार्यक्रमों की व्यवस्था करते हैं, ताकि सचिवालय के सभी स्तर के कर्मचारियों को नवीनतम नियमों और विनियमों, योग्यता आदि के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जा सके.

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नई दिल्ली: सरकार ने 2024-25 के बजट में भारत में और विदेश में सरकारी कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को 309.74 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

ये प्रावधान चालू वित्त वर्ष के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए निर्धारित 2,328.56 करोड़ रुपये के अंतर्गत हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2024-25 के अनुसार, कुल 309.74 करोड़ रुपये में से 103.05 करोड़ रुपये ‘प्रशिक्षण प्रभाग, सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) तथा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए)’ के लिए, 120.56 करोड़ रुपये ‘प्रशिक्षण योजनाओं’ के लिए और 86.13 करोड़ रुपये ‘राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ या मिशन कर्मयोगी के लिए हैं.

कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत कार्मिक मंत्रालय, दिल्ली में आईएसटीएम और मसूरी स्थित एलबीएसएनएए ‘फाउंडेशन पाठ्यक्रम, रिफ्रेशर पाठ्यक्रम, करियर के मध्य में प्रशिक्षण सहित कई कार्यक्रमों की व्यवस्था करते हैं, ताकि सचिवालय के सभी स्तर के कर्मचारियों को नवीनतम नियमों और विनियमों, योग्यता आदि के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जा सके.

इसमें केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) और केंद्रीय सचिवालय आशुलिपिक सेवा (सीएसएसएस) के अधिकारियों के संबंध में घरेलू अथवा विदेशी यात्रा और पाठ्यक्रम शुल्क आदि पर व्यय का भी प्रावधान है.

मिशन कर्मयोगी को नौकरशाही में सबसे बड़ी सुधार पहल बताया जाता है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अधिक ‘रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर और प्रौद्योगिकी-सक्षम’ बनाना है.

बजट दस्तावेजों के अनुसार, 120.56 करोड़ रुपये की राशि ‘सभी के लिए प्रशिक्षण’, विदेशी में प्रशिक्षण के लिए घरेलू वित्त पोषण, एलबीएसएनएए को उत्कृष्टता केंद्र में अद्यतन करने और आईएसटीएम में प्रशिक्षण सुविधाओं के विस्तार जैसी योजनाओं के लिए है.

प्रशासनिक सुधारों के लिए 80 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसमें सरकारी कार्यालयों का आधुनिकीकरण और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना शामिल है.

चालू वित्त वर्ष के लिए सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के प्रचार-प्रसार के लिए 2.6 करोड़ रुपये का कोष निर्धारित किया गया है.

लोक सेवकों की शिकायतों के निवारण का जिम्मा संभाल रहे केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) को 157.72 करोड़ रुपये और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) को 418.15 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. एसएससी के तहत केंद्र सरकार के लिए विभिन्न पदों पर भर्ती की जाती है.

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