scorecardresearch
Saturday, 2 November, 2024
होमदेशअर्थजगतबीपीसीएल के लिए मिलीं कई बोलियां, लेकिन 2.1 लाख करोड़ के विनिवेश लक्ष्य से चूक सकती है मोदी सरकार

बीपीसीएल के लिए मिलीं कई बोलियां, लेकिन 2.1 लाख करोड़ के विनिवेश लक्ष्य से चूक सकती है मोदी सरकार

सरकार ने एलआईसी के स्वतंत्र मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जो इस प्रमुख बीमा कंपनी को, शेयर मार्केट में लिस्ट कराने से पहले ज़रूरी है.

Text Size:

नई दिल्ली: सरकार की विनिवेश प्रक्रिया सोमवार को थोड़ा आगे बढ़ी लेकिन संभावना ये है कि ये केंद्रीय बजट में पूरे साल के लिए निर्धारित 2.1 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से काफी कम रह सकती है.

सरकार को घरेलू और वैश्विक बोलीदाताओं की ओर से तेल कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) में रणनीतिक हिस्सेदारी लेने के लिए कई ‘एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट’ प्राप्त हुए हैं, जिसके लिए सोमवार अंतिम दिन था.

उसी दिन, सरकार ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के, स्वतंत्र बीमांकिक मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी, जो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराने के लिए एक आवश्यक शर्त होती है. लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीमा कंपनी की बुक्स को देखते हुए, ये प्रक्रिया लंबी चलने की संभावना है, जिससे इसकी लिस्टिंग आगे बढ़कर, अगले वित्त वर्ष में चली जाएगी.

कोविड-19 महामारी ने सरकार के एयर इंडिया, बीपीसीएल, और कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों की, रणनीतिक बिक्री के प्रयासों पर असर डाला था. महामारी की अनिश्चितता के दौरान निवेशकों में दिलचस्पी घटने की वजह से, सरकार को एयर इंडिया और बीपीसीएल के लिए, ‘एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट की समय सीमा को, कई बार आगे बढ़ाना पड़ा था. इसके अलावा उसने एयर इंडिया की बिक्री की शर्तों को भी, निवेशकों के लिए और आसान बना दिया. एयर इंडिया के लिए बोली दाख़िल करने की संशोधित समय सीमा अब 14 दिसंबर है.

सरकार ने इस बात को मान लिया है कि वो, 2.1 लाख करोड रुपए के विनिवेश लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी, लेकिन वो इस लक्ष्य के ज़्यादा से ज़्यादा क़रीब जाने की कोशिश कर रही है. अभी तक, उसे तीन पीएसयूज़ में बिक्री व इनीशियल पब्लिक ऑफर के ज़रिए, 6,100 करोड़ रुपए से कुछ ज़्यादा मिले हैं, और 11,000 करोड़ रुपए भारत ब़ॉण्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड के ज़रिए हासिल हुए हैं.

बीपीसीएल और एलआईसी के लिए अब आगे क्या

सोमवार को सरकार ने ऐलान किया, कि उसे बीपीसीएल के लिए वैश्विक और देसी निवेशकों की ओर से, कई ‘एक्सप्रेशंस ऑफ इंटरेस्ट’ प्राप्त हुए थे. अब वो बिक्री प्रक्रिया को अगले स्तर पर ले जा रही है.

लेन-देन सलाहकार की जांच पूरी होने के बाद, सरकार वित्तीय बोलियां आमंत्रित करेगी, जिससे सौदे के चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. चालू बाज़ार मूल्यों पर बीपीसीएल शेयरों की बिक्री से, सरकार को, इसकी 52 प्रतिशत हिस्सेदारी के एवज़ में, क़रीब 50,000 करोड़ रुपए मिल जाएंगे.


यह भी पढ़ें : दिवाली पटाख़ों पर पाबंदी स्वास्थ्य, धर्म, राजनीति, और अर्थव्यवस्था का धमाकेदार मिश्रण क्यों है


सरकार इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग के ज़रिए, एलआईसी में भी अपनी कम से कम 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेंचना चाहती है. लेकिन उससे पहले सरकार को कई क़दम उठाने हैं, जिनमें लिस्टिंग कराने, और फर्म का मूल्यांकन पूरा कराने के लिए, एलआईसी एक्ट में बदलाव शामिल है.

वैश्विक बीमांकिक फर्मों को 8 दिसंबर तक अपनी बोलियां दाख़िल करनी होंगी, जिसके बाद सरकार उस फर्म का चुनाव करेगी, जो एलआईसी की एम्बेडेड वैल्यू निकालने में उसकी मदद करेगी – ये शेयरधारकों के भविष्य के मुनाफे का वर्तमान मूल्य होता है, जो किसी जीवन बीमा कंपनी के मूल्यांकन का आधार होता है.

एलआईसी की बाज़ार हिस्सेदारी क़रीब 70 प्रतिशत है, और फंड प्रबंधन के तहत राशि 30 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. विश्लेषक इस बीमा कंपनी का मूल्य 10-12 लाख करोड़ के क़रीब आंक रहे हैं, लेकिन मूल्यांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इस अनुमान में बदलाव आ सकता है.

स्टार यूनियन दायची लाइफ इंश्योएरेंस कंपनी के पूर्व प्रबंध निदेशक और चीफ एग्ज़ीक्यूटिव, कमलजी सहाय ने कहा, ‘एक बार फर्म तय हो जाए और वो अपना काम शुरू कर दे, तो फिर मूल्यांकन में दो महीने से ज़्यादा समय नहीं लगना चाहिए. जिस डेटा की ज़रूरत है वो सब ऑनलाइन मौजूद है, इसलिए डेटा का संकलन कोई समस्या नहीं होगी’.

सहाय ने कहा कि नियुक्त की गई फर्म को, एलआईसी के कारोबार को समझना होगा, और एम्बेडेड वैल्यू निकालने के लिए, इसके लेखकों और प्रबंधन के साथ निकटता से काम करना होगा.

उन्होंने आगे कहा, ‘एम्बेडेड वैल्यू एक काल्पनिक आंकड़ा होता है. ये एक सांख्यिकीय अभ्यास होता है, जिसके लिए सेक्टर को गहराई से समझना होता है. भविष्य के प्रीमियम मौत और सरेंडर जैसे कई फैक्टर्स के हिसाब से बदल सकते हैं’.

लेकिन सहाय ने ये भी कहा, कि एलआईसी के आईपीओ की कामयाबी के लिए, सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होगी बाज़ार की भूख. उनका कहना था, ‘ये इश्यू बहुत बड़ा रहने वाला है, और बाज़ार के अंदर इसे सोखने की क्षमता होनी चाहिए. इसलिए इसकी टाइमिंग बहुत अहम रहने वाली है’.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

share & View comments