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Sunday, 22 December, 2024
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‘आप सीरियस हैं तो US कोर्ट में आइए’, शेयरों में गड़बड़ी के आरोप के बाद अडाणी हिंडनबर्ग आमने सामने

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले ग्रुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.

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नई दिल्ली: अडाणी ग्रुप ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘बिना सोचे-समझे’ काम करने के लिये अमेरिकी फाइनेंसियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है. वहीं अमरिकी फाइनेंसियल रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले ग्रुप पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद कई कारोबारों से जुड़े ग्रुप की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी जा रही है.

अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट जारी

अडाणी समूह के शेयर शुक्रवार को भी दबाव में रहे और शुरुआती सौदों में इनमें 20 फीसदी की गिरावट आई. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर कई आरोप लगाए हैं.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई.

अडाणी टोटल गैस के शेयर 19.65 फीसदी गिरे, अडाणी ट्रांसमिशन के 19 फीसदी, अडाणी ग्रीन एनर्जी के 15.50 फीसदी और अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6.19 फीसदी की गिरावट आई है.

वहीं अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 5.31 फीसदी गिरे, अडाणी विल्मर के 5 फीसदी और अडाणी पॉवर के शेयर में 4.99 फीसदी की गिरावट आई.

रिपोर्ट जारी होने के एक दिन बाद अडाणी ग्रुप ने एक बयान जारी करते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी. जिसके कुछ ही घंटे बाद हिंडनबर्ग ने ट्वीट किया कि अडाणी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाये गए 88 सवालों में से किसी का भी कोई जवाब नहीं दिया है.

कंपनी ने यह भी कहा कि अगर अडाणी ग्रुप मामलें को लेकर गंभीर है, तो उसे अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए जहां हम काम करते हैं. हमारे पास कानूनी प्रक्रिया के दौरान मांगे जाने वाले दस्तावेजों की एक लंबी सूची है.

ग्रुप के विधि मामलों के प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा, ‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की.’

उन्होंने आगे कहा कि ‘अडाणी ग्रुप का हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिये जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है.’

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं बल्कि अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिये तैयार की गयी थीं.

जलुंधवाला ने कहा, ‘एक विदेशी इकाई ने जानबूझकर और बिना सोचे-समझे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है. उसने अडाणी ग्रुप, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ हमारी प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है. हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.’

इससे पहले बुधवार को अमेरिकी फाइनेंसियल रिसर्च कंपनी ने कहा कि उसके दो साल के रिसर्च के बाद यह पता चला कि अडाणी ग्रुप दशकों से ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.

यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिये खुलने से ठीक पहले आयी है. इस रिपोर्ट के बाद समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई.

हिंडनबर्ग ने बयान में कहा, ‘हमें अपनी रिपोर्ट जारी किये 36 घंटे हो गये हैं, लेकिन अडाणी ने एक भी मामले का जवाब नहीं दिया, जिसे हमने उठाया है.’

हिंडनबर्ग ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है. उसे पूरा विश्वास है कि अगर कोई कानूनी कार्रवाई की जाती है, उसमें कोई दम नहीं होगा.

रिपोर्ट आने के बाद बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहे ग्रुप ने बयान में कहा था, ‘रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गयी है. जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं.’

ग्रुप ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है. उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी ग्रुप के साख को प्रभावित करना है.


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