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Thursday, 21 November, 2024
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आर्थिक सर्वेक्षण 2019: वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान

बजट से ठीक एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्तवर्ष 2019-20 का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश करेंगी.

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नई दिल्लीः संसद में मोदी सरकार 2.0 का अपना पहला बजट पेश करने से पूर्व निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 2018-19 का अर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है. इसमें वित्तवर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ दर 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. सर्वे में मैक्रो इकोनॉमिक हालात के स्थिर रहने का जिक्र करते हुए विकास दर तेज होने का आकलन किया गया है.

बता दें कि बजट से ठीक एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वित्तवर्ष 2019-20 का पहला पूर्ण बजट संसद में पेश करेंगी.

आर्थिक सर्वेक्षण 2019 के अनुसार निवेश और खपत में वृद्धि की उम्मीद है. इससे जीडीपी में वृद्धि में तेजी का अनुमान है. पिछले 5 साल में 7.5 फीसदी की औसत से जीडीपी ग्रोथ हो रही है.

धीमी हुई है ग्रोथ

भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 में लगातार दूसरे साल धीमी होकर 2017-18 के 7.2 और 2016-17 के 8.2 फीसदी के मुकाबले 6.8 फीसदी रही है.

काफी मुद्रा भंडार है

इकोनॉमिक सर्वे में देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार की बात कही गई है और आगे भी इसके कम न होने का अनुमान जताया गया है. बतौर सर्वे 14 जून तक देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद था.

एफडीआई बढ़ने का भरोसा

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा घरेलू बाजार में बढ़ा है. वित्त वर्ष 2018-19 में नेट एफडीआई में 14.1 फीसदी की वृद्धि हुई है.

क्रेडिट ग्रोथ में इजाफा

बतौर सर्वे एनपीए की समस्या सरकारी बैंको का साथ ज्यादा जुड़ी है, जिससे उनकी बैलेंसशीट पर खराब असर पड़ा है. लेकिन क्रेडिट ग्रोथ में तेजी को अच्छा बताया गया है. 2018 की दूसरी छमाही से क्रेडिट ग्रोथ में बेहतर तेजी दिख रही है.

सर्वे के अनुसार कंस्ट्रक्शन में तेजी आई है. इससे आईआईपी ग्रोथ अच्छी हुई है.

खास बातें

-साल 2019-20 में तेल की कीमतों में कमी होने की उम्मीद.
-2018 में ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ी, 5 साल में विकास दर में बढ़ोत्तरी, निवेश दर भी बढ़ी.
-आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि राजनीतिक स्थिरता से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा.
-आर्थिक सर्वे मे 2018 में ग्रामीण इलाकों में आय बढ़ी, 5 साल में विकास दर में बढ़ोत्तरी, निवेश दर भी बढ़ी.
-आर्थिक सर्वे में 2019-20 में तेल की कीमतों में कमी आने का अनुमान.
-आर्थिक सर्वे में वैश्विक ग्लोबल ग्रोथ के कम रहने का अनुमान जताया गया है.
-आर्थिक सर्वे में निवेश और खपत बढ़ने की उम्मीद जताई गई है.
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2019 में वित्तीय घाटा 5.8% रहने का अनुमान है 2018 में यह 6-4 फीसदी रहा है.
-वित्तवर्ष 2019 में सुस्ती के लिए एनबीएफसी का संकट जिम्मेदार बताया गया है.

सीईए सुब्रमण्यन ने कहा- हमारी टीम ने इकॉनॉमिक सर्वे को लेकर काफी प्रयास किया है

वहीं इससे पहले मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने एएनआई को बताया, ‘हमारी टीम ने बहुत समर्पण के साथ प्रयास किया है. मुझे उम्मीद है कि परिणाम अच्छे हैं, और हम अर्थव्यवस्था के लिए आइडियाज से योगदान देने में सक्षम हैं. मुझे सर्वशक्तिमान के आशीर्वाद की उम्मीद है.’

सर्वेक्षण में मैक्रो इकोनॉमी के साथ-साथ भविष्य के दृष्टिकोण के साथ विभिन्न उद्योग पर कई भी चैप्टर होंगे.

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