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Sunday, 17 March, 2024
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मोदी की विदेश यात्राओं में आया 2000 करोड़ का खर्च

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साढ़े चार सालों की विदेशी यात्रा पर 28 करोड़ डॉलर खर्च हुआ है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले साढ़े चार सालों के व्यस्त यात्रा के कार्यक्रम पर 28 करोड़ डॉलर खर्च हुआ. विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय करदाताओं का ये पैसा मोदी की 84 विदेश यात्राओं में खर्च हुआ हैं.

हर यात्रा में आए खर्च के साथ-साथ एयर इंडिया वन जिसमें प्रधानमंत्री यात्रा करते हैं और एक सिक्योर हॉटलाइन मोदी ने सत्ता में आने के बाद लगातार कई विदेशी दौरे किए है और दुनिया के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की – जिनमें अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे शामिल है. इन नेताओं से मोदी ने कई बार मुलाकात की और भारत की विश्व स्तर पर अपना प्रभाव बढ़ाने का काम किया और अपने सामरिक हितों को सुरक्षित करने का काम किया.

कुछ यात्राएं बड़ी राजनयिक सफलताएं थी जिसमें चीनी राज्य वूहान में, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अनौपचारिक मुलाकात की थी. डोकलाम में बढ़े तनाव के बाद हुई इस बैठक को दुनिया के दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों के बीच ये मुलाकात अमन कायम करने माहौल लायी. पर कुछ यात्राओं ने ज़रूर विवाद उत्पन्न किया.

जापान की 2016 की उनकी यात्रा को देखें जो कि नोटबंदी के एकदम बाद हुई थी. नोटबंदी में देश की 86 प्रतिशत नोट सर्कुलेशन से हट गए -जिसने लाखों लोगों को बैंक की कतारों में खड़े होने पर मजबूर किया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि जब देश का आम नागरिक त्रस्त था मोदी दुनिया घूम रहे थे.

मोदी कुछ यात्राएं विचित्र भी रहीं. अपनी अफ्रीका यात्रा में शाकाहारी मोदी और एक हिंदू राष्ट्रवादी जो गायों की पूजा करता है ने रवांडा के गांव वालों को 200 गाएं भेट में दीं. इस महाद्वीप में बीफ खाई जाती है और संभावना है कि ये गाये भी किसी का कही भोजन न बन जाए. उन्होंने चीन के यूनान प्रांत में एक योगा कॉलेज खोलने का समझौता किया और तुर्कमेनिस्तान से योग और भारतीय औषधी प्रणाली विकसित करने के लिए सहयोग का वादा किया.

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इस तरह के समझौते – चाहे आकांक्षापूर्ण हो, कई बार अस्पष्ट भी – चीन से लेकर फलीस्तीन के साथ किए गए. ओमान में एक समझौता ‘स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग’ के लिए किया गया. पुर्तगाल में मोदी के राजनयिकों ने ‘शांतिपूर्ण कारणों के लिए बाहरी अंतरिक्ष के इस्तेमास में सहयोग’ का वादा किया. ऐसा ही समझौता मोदी सरकार ने वियतनाम और ओमान के साथ किया.

ब्लूमबर्ग में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)

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