नई दिल्ली: मणिपुर पुलिस ने कर्फ्यू के दौरान सार्वजनिक उपद्रव करने के आरोप में 19 लोगों को हिरासत में लिया और उन्हें माफ़ी मांगने के साथ-साथ अपनी फैलायी गंदगी को साफ़ करने की सजा दी.
पुलिस के अनुसार, ये लोग इंफाल ईस्ट के लमलोंग बाज़ार में सड़कों को जाम कर रहे थे और सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंक रहे थे.
इनमें से ज़्यादातर लोग नशे की हालत में थे. उन्हें एक कतार में खड़ा कर, सिर झुकाकर, कान पकड़कर माफ़ी मांगने को कहा गया. फिर पुलिस की निगरानी में उन्हें सड़कों की सफाई करने का निर्देश दिया गया, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया.
“हमने इंफाल ईस्ट ज़िले में सड़क पर हिंसा करने वाले 19 लोगों को हिरासत में लिया. ये लोग सड़कों को जाम कर रहे थे, राहगीरों को परेशान कर रहे थे और सार्वजनिक व्यवस्था भंग कर रहे थे. इनमें से ज़्यादातर नशे में थे. हमने उन्हें हिरासत में लिया और माफ़ी मांगने को कहा,” अधिकारी ने बताया. “हमने उन्हें इंफाल ईस्ट की सड़कों की सफाई भी करवाई और उपद्रव के अवशेष हटवाए.”
अधिकारी ने बताया कि भारत न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 4(फ) के तहत छह विशिष्ट अपराधों पर सामुदायिक सेवा की सजा दी जा सकती है, जिसमें कोर्ट में पेश न होना, वैध प्राधिकरण को रोकने की कोशिश, विशेष शर्तों के तहत छोटी चोरी, नशे में दुर्व्यवहार और मानहानि शामिल हैं.
“इनकी हरकतों ने आम लोगों को काफी परेशानी दी और इस संवेदनशील समय में व्यवस्था को बिगाड़ा,” अधिकारी ने कहा. “इस कार्रवाई का उद्देश्य युवाओं को चेतावनी देना भी था कि ऐसे कामों के कानूनी परिणाम होते हैं और इसका उनके भविष्य और करियर पर बुरा असर पड़ सकता है.”
बाद में उपद्रवियों को उनके माता-पिता द्वारा अच्छे आचरण के बॉन्ड पर हस्ताक्षर करवाकर रिहा कर दिया गया. इनमें से लगभग सभी छात्र थे और पहली बार अपराध कर रहे थे.
हाल के कई बंद और विरोध प्रदर्शनों में स्कूल यूनिफॉर्म और कॉलेज ड्रेस में छात्र सबसे आगे दिखे, जिनमें से कुछ ने पेट्रोल बम फेंकने और पत्थरबाज़ी जैसे हिंसक कृत्य भी किए—इनमें से कई नाबालिग थे.
“हमने उनके माता-पिता से भी संपर्क किया है और उन्हें सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को समझाएं, क्योंकि अधिकतर बच्चे नाबालिग थे,” अधिकारी ने कहा.
शनिवार रात मणिपुर के दो जिलों में तनाव भड़क गया, जिसके बाद पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई. यह तनाव उस समय बढ़ा जब एक कट्टरपंथी समूह अरामबाई तेंगगोल के प्रमुख नेता को गिरफ्तार कर सीबीआई को सौंपा गया. उस पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अपहरण का आरोप है.
अरामबाई तेंगगोल के कमांडर कन्नन सिंह, जो मणिपुर पुलिस में पूर्व हेड कांस्टेबल थे और इस साल की शुरुआत में सेवा से बर्खास्त कर दिए गए थे, पर कई मामलों में शामिल होने का आरोप है. एक अन्य मामला में कूकी नेशनल आर्मी (केएनए) के एक नेता को भी हत्या के मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया.
इंफाल घाटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसमें कन्नन सिंह और अरामबाई तेंगगोल के एक अन्य सदस्य की रिहाई की मांग की गई. प्रदर्शनकारियों ने क्वाकैथेल और उरीपोक में सड़कों पर टायर और पुराना फर्नीचर जलाया और शनिवार रात सुरक्षा बलों से भिड़ गए.
एक भीड़ ने इंफाल ईस्ट ज़िले के खुरई लमलोंग में एक बस को आग लगा दी. राजभवन से लगभग 200 मीटर दूर कंगला गेट के सामने सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
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