नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नरेंद्र मोदी सरकार के 100 दिन पूरा होने के मौके पर में प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान कश्मीर सहित जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण का मसला, कुलभूषण जाधव का मामला में भारत की स्थिति को स्पष्ट किया और मोदी की अमेरिका यात्रा के बारे में जानकारी दी.
EAM S. Jaishankar: PoK (Pakistan Occupied Kashmir) is a part of India and we expect one day we will have physical jurisdiction over it. pic.twitter.com/9XUVAbnVor
— ANI (@ANI) September 17, 2019
विदेश मंत्री ने कहा कि अगर हम वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय फोरम को देखें तो भारत की आवाज पहले से ज्यादा स्पष्ट नजर आती है. भारत अभी ब्रिक्स, जी-20 सम्मेलनों में प्रमुखता से अपनी बात रखता है. वर्तमान सरकार के नेतृत्व में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नीतियां मजबूत हुई हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों में भारत का अफ्रीकी देशों के साथ संपर्क काफी मजबूत हुआ है. हम इन देशों में 18 दूतावास खोलने के लिए काम कर रहे हैं.
एस जयशंकर ने कहा, पाक अधिकृत कश्मीर पर हमेशा से ही हमारा स्पष्ट रुख रहा है और हमेशा रहेगा. पीओके भारत का हिस्सा है और हम मानते हैं कि एक न एक दिन वो हमारा फिर से हिस्सा बन जाएगा.
विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहा दमन कोई नई बात नहीं है. वो हम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हैं लेकिन खुद अपनी स्थिति नहीं देखते हैं. पिछले 70 सालों में अल्पसंख्यकों की संख्या पाकिस्तान में लगातार कम हो रही है.
उन्होंने कहा कि सिंध में पिछले दिनों जो हुआ वो काफी नहीं है. पिछले 100 दिनों में ऐसी बहुत सी घटनाएं हुई हैं. कुछ दिनों पहले एक सिख लड़की का धर्मांतरण कर दिया गया था. मुझे लगता है कि अगर पूरे विश्व में मानव अधिकारों का ऑडिट किया जाए तो पाकिस्तान सबसे पीछे होगा. यह कोई कहने की बात नहीं है. यह सबको मालूम है.
कुलभूषण जाधव को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि उनको कांसुलर एक्सेस मिले. कांसुलर एक्सेस तो सिर्फ एक कदम है जो आईसीजे के फैसले के बाद हुआ है. हम उन तरीकों पर काम कर रहे हैं जिससे कुलभूषण जाधव की भारत वापसी हो जाए.
विदेश मंत्री ने कहा अंतरराष्ट्रीय अदालत का फैसला सभी को मालूम है और पाकिस्तान को भी इसकी जानकारी है.
EAM S Jaishankar: There is an extradition request for Zakir Naik. We want him back and that is what we are working towards. pic.twitter.com/VFo7kWNMda
— ANI (@ANI) September 17, 2019
जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि उसे भारत ले आया जाए. इसको लेकर हम लगातार प्रयास कर रहे हैं.
EAM: With regard to Pak,issue is not Art370 but Pakistan’s terrorists. We must make the world realise.I always ask other people show me anywhere else in the world where any country conducts terrorism openly against its neighbor as part of what it considers its foreign policy. pic.twitter.com/UBu7rMIsuE
— ANI (@ANI) September 17, 2019
कश्मीर को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से अनुच्छेद-370 को लेकर विवाद नहीं है. उनसे विवाद आतंकवाद से है. हम चाहते हैं कि पूरा विश्व इस बात पर ध्यान दे. मैं हमेशा दूसरे लोगों को कहता हूं कि पूरे विश्व में कोई ऐसा देश है जो अपने पड़ोसी के खिलाफ आतंकवादी गतिविधि करता है.
भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के भिड़ जानी की खबरों पर विदेश मंत्री ने कहा ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है. मामले को सुलझा लिया गया है. बस एलएसी को लेकर अनिश्चितता को लेकर थोड़ा विवाद था. इन विवादों से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त तरीके हैं.
हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शामिल होने पर एस जयशंकर ने कहा कि यह तो बड़े गर्व की बात है कि उन्होंने आने का फैसला लिया है. विदेश मंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम दोनों देशों के रिश्तों को और भी बढ़ाएंगे. दोनों देशों के बीच सब कुछ अच्छा चल रहा है. अगर रिश्ते बढ़ते हैं तो कुछ विवाद भी होते हैं. हम लगातार उनसे संपर्क में हैं और सभी विवादों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.