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Saturday, 21 December, 2024
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साल के अंत तक असंगठित क्षेत्र के लिए 3 वेलफेयर स्कीमों से जोड़ दिया जाएगा ई-श्रम पोर्टल

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना को अगले पखवाड़े में ई-श्रम से जोड़ दिया जाएगा. उसके बाद पीएम श्रम योगी मानधन और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना को जोड़ा जाएगा.

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नई दिल्ली: असंगठित श्रमिकों का पहला राष्ट्रीय डेटाबेस लॉन्च करने के बाद श्रम मंत्रालय अब कल्याण स्कीमों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ने जा रहा है, जिससे सुनिश्चित हो जाएगा कि श्रमिक एक माउस क्लिक करके, उन स्कीमों का फायदा उठा सकते हैं.

श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जो अपना नाम नहीं बताना चाहते थे, कहा कि पहली स्कीम जिसे मंत्रालय पोर्टल से जोड़ने जा रहा है, वो है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जिसे अगले पखवाड़े में जोड़ा जाएगा.

इस स्कीम में बीमा किए गए व्यक्ति के परिवार को, 2 लाख रुपए दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा, ‘असंगठित क्षेत्र के किसी श्रमिक की आकस्मिक मृत्यु होने पर, उसका परिवार ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग करके, अपनी पहचान का सबूत अपलोड करके, बीमे की रक़म का दावा कर सकता है. उन्हें इधर-उधर नहीं भागना पड़ेगा. विचार ये है कि लाभ उठाने के लिए पूरी प्रक्रिया को सुगम और परेशानी रहित बना दिया जाए’.

इससे पहले, ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए श्रम मंत्रालय ने दुर्घटना बीमा कवर स्कीम पर 12 रुपए के वार्षिक प्रीमियम के भुगतान से छूट दे दी थी.

सरकार की ये भी योजना है कि साल के अंत तक दो अन्य स्कीमों- पीएम श्रम योगी मान धन और पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना को भी पोर्टल से जोड़ दिया जाएगा.

पीएम श्रम योगी मान धन योजना के तहत, 15,000 रुपए मासिक तक की आय वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, रिटायर हो जाने पर 3,000 रुपए की निश्चित पेंशन के हक़दार होंगे.

पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना में, बीमाशुदा श्रमिक की किसी भी कारणवश मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए की जोखिम कवरेज का वादा किया गया है. स्कीम के अंतर्गत प्रीमियम 330 रुपए सालाना है, जिसे ग्राहक के बैंक खाते से स्वचालित रूप से एक ही बार में निकाल लिया जाता है.

इन स्कीमों के जुड़ जाने के बाद, पंजीकृत श्रमिक पोर्टल में लॉग कर सकेंगे और पैसे के ऑनलाइन ट्रांसफर का आवेदन कर सकते हैं, जिससे उनको इधर-उधर भागने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी.

मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘कुल मिलाकर, तीन स्कीमें श्रमिकों को कुछ हद तक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगी. बाद में हम दूसरी कल्याण स्कीमों को भी पोर्टल के साथ जोड़ देंगे’.


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‘श्रमिकों को आयुष्मान भारत के अंतर्गत लाने की संभावना पर भी चर्चा’

मंत्रालय के एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्रालय राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ बातचीत करके, ये आकलन भी कर रहा है कि क्या असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को आयुष्मान भारत के दायरे में लाया जा सकता है- नरेंद्र मोदी सरकार की वो फ्लैगशिप स्वास्थ्य बीमा स्कीम, जो ग़रीब और कमज़ोर परिवारों की ज़रूरतों को पूरा करती है. अधिकारी ने आगे कहा कि फिलहाल ये स्कीम, असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को कवर नहीं करती.

असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का बहुप्रतीक्षित ऑनलाइन राष्ट्रीय डेटाबेस- ई-श्रम, जिसे पिछले साल प्रवासी श्रमिकों के संकट के बाद, मोदी सरकार की ओर से घोषित किया गया था, उसे 26 अगस्त को श्रममंत्री भूपेंदर यादव ने लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य भारत के असंगठित क्षेत्र के 38 करोड़ श्रमिकों का पंजीकरण करना है.

डेटाबेस में श्रमिकों का सारा विवरण दिया गया होगा, जैसे उनकी मौजूदा स्थिति, कौशल प्रकार, पारिवारिक ब्यौरा, पता, प्रवासी श्रमिकों के मामले में मौजूदा लोकेशन और उनका संगठित से असंगठित क्षेत्र में जाना.

उसमें केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इन श्रमिकों के लिए चलाई जा रहीं सामाजिक क्षेत्र तथा कल्याण से जुड़ीं विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी.

15 अक्तूबर तक, असंगठित क्षेत्र के लगभग 3.91 करोड़ श्रमिक, इस पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके थे.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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