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Thursday, 19 December, 2024
होमदेशडमी कैंडिडेट्स? हरियाणा पुलिस में 6,600 उम्मीदवारों को जॉब का ऑफर, 15% बायोमेट्रिक्स के लिए नहीं आए

डमी कैंडिडेट्स? हरियाणा पुलिस में 6,600 उम्मीदवारों को जॉब का ऑफर, 15% बायोमेट्रिक्स के लिए नहीं आए

चयन आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि हो सकता है कि कुछ लोगों को कहीं बेहतर नौकरी मिल गई हो, डमी कैंडिडेट्स होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. अन्य 250 की बायोमेट्रिक्स का मिलान 'गड़बड़' है.

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चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस बल में शामिल होने के लिए इस सप्ताह चुने गए 6,600 उम्मीदवारों में से 15 प्रतिशत के करीब कांस्टेबल दस्तावेज़ सत्यापन और बायोमेट्रिक्स के लिए उपस्थित होने में विफल रहे, जिससे परीक्षा के शुरुआती स्टेज पर जालसाज या डमी कैंडिडेट्स का संदेह बढ़ गया है.

यह तब है जब वर्षों की देरी के बाद प्रक्रिया को फिर से शुरू किया गया था – पदों को 2020 में निकाला गया था और लिखित परीक्षा अगले वर्ष आयोजित की गई थी.

बल में 5,500 पुरुष और 1,100 महिला कांस्टेबलों की पिछले सोमवार से शुरू की गई नियुक्ति प्रक्रिया, मुकदमेबाजी के कारण लटकी हुई थी.

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) के अध्यक्ष भोपाल सिंह ने कहा कि बल में शामिल होने के लिए चुने गए 940 से अधिक उम्मीदवार अपने दस्तावेजों के अंतिम सत्यापन और बायोमेट्रिक्स के मिलान के लिए उपस्थित होने में विफल रहे.

सिंह ने बृहस्पतिवार को दिप्रिंट से बताया, कुछ चयनित उम्मीदवारों के लिए उपस्थित न होना आम बात है. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनमें से कुछ लोगों को हो सकता है कहीं बेहतर जॉब मिल गई हो, डमी कैंडिडेट्स की संभावना से भी पूरी तरह से इनकार नहीं किया जा सकता.

उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें बृहस्पतिवार को दोबारा मौका दिया. लेकिन अभी तक वे रिपोर्ट करने में विफल रहे. अब, उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा और यह माना जाएगा कि वह ज्वाइन नहीं करना चाहते हैं.’

4-स्तर की प्रक्रिया

हरियाणा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने भी, होली के एक दिन पहले, मंगलवार को एक प्रेस रिलीज जारी की थी, यह घोषणा करते हुए कि मधुबन पुलिस अकादमी में चयन प्रक्रिया चल रही है.

इस प्रक्रिया में उम्मीदवारों की पुलिस द्वारा मेडिकल जांच और दस्तावेज़ सत्यापन से गुजरना शामिल है. उम्मीदवारों को किसी तरह की असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग 150 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. प्रेस नोट में कहा गया है कि उम्मीदवारों के लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई थी.

हालांकि, जैसा कि HSSC के अध्यक्ष सिंह ने पुष्टि की, 833 चयनित पुरुष और 111 महिला उम्मीदवार रिपोर्ट करने में विफल रहे. इसके अलावा, उन्होंने कहा, 33 पुरुषों और 11 महिलाओं के बायोमेट्रिक्स एचएसएससी के पास उपलब्ध आंकड़ों से मेल नहीं खाते.

उन्होंने कहा, ‘बायोमेट्रिक्स के लिए हम उम्मीदवारों के अंगूठे का निशान लेते हैं.’

उन्होंने कहा कि, करीब 250 ऐसे असंगत (मैच न करने वाले) उम्मीदवार हैं, जिनका बायोमेट्रिक मिलान एकदम से अलग नहीं है, लेकिन उन्हें संदिग्ध माना जा रहा है.

उन्होंने इसे समझाते बताया कि भर्ती की प्रक्रिया 4 चरणों की थी. ‘पहले चरण में लिखित परीक्षा शामिल है, और दूसरा एक शारीरिक स्क्रीनिंग परीक्षा, जिसमें उम्मीदवारों को एक निश्चित समय में एक निश्चित दूरी तय करनी होती है.’

उन्होंने कहा, तीसरा चरण शारीरिक माप टेस्ट है, जिसमें उम्मीदवारों की ऊंचाई, छाती और अन्य शारीरिक विशेषताओं को मापा जाता है. और आखिरी दस्तावेज़ सत्यापन है, जिसमें उनके प्रमाणपत्र सत्यापित होते हैं.

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक चरण में, उम्मीदवारों को बायोमेट्रिक्स मैच के लिए जाना पड़ता है. इसलिए बायोमेट्रिक टेस्ट में फेल होने वालों को ज्वाइन करने की इजाजत नहीं होगी.’

उन्होंने कहा कि, ‘हम पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करते हैं. हमारे पास साइट पर होने वाले सीसीटीवी कैमरे हैं और हम आवेदन के समय दी गई तस्वीर के साथ उस दिन उपस्थित होने वाले उम्मीदवार का मिलान भी करते हैं.’

सिंह ने बताया कि अंतिम चरण में एक बायोमेट्रिक्स टेस्ट विफल हो सकता है यदि कोई व्यक्ति शुरुआती चरणों से अधिक शारीरिक काम में लगा हो. उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमारे पास उम्मीदवारों की पहचान के अन्य तरीके हैं… हम किसी भी गलत व्यक्ति को नौकरी में घुसने नहीं देंगे, लेकिन साथ ही, किसी भी सही शख्स को नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.’

दूसरा मौका?

उन्होंने कहा, ‘ज्वाइन करने की कोई अंतिम तारीख नहीं है लेकिन हमारी सत्यापन प्रक्रिया शुक्रवार को समाप्त हो रही है. जिन 44 उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक्स बिल्कुल भी मेल नहीं खाए, उन्हें बाहर कर दिया गया है.’

सिंह ने कहा, ‘असंगत मिलान वाले 250 उम्मीदवारों को दो और दिन दिए जाएंगे और उन्हें उपलब्ध बाकी डेटा जैसे फोटो, वीडियो, सीसीटीवी फुटेज वगैरह के जरिए सत्यापित किया जाएगा.’

यह पूछे जाने पर कि क्या कथित जालसाजी पर आपराधिक कार्रवाई हो सकती है, सिंह ने कहा कि वे किसी को फोर्स में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं कर सकते. इसके अलावा, उन्होंने कहा, दस्तावेज़ सत्यापन के लिए रिपोर्ट नहीं करना कोई आपराधिक कार्य नहीं है.

(अनुवाद और संपादन- इन्द्रजीत)

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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