नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक और बुरी खबर इन दिनों आई है. देश के 8 कोर सेक्टर की स्थिति काफी खराब है. पिछले 14 सालों में इन सेक्टरों का प्रदर्शन काफी खराब है. आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन एक साल पहले की तुलना में 5.2 प्रतिशत घट गया है. यह एक दशक में इस क्षेत्र का सबसे खराब प्रदर्शन है और इससे इस समय चल रही आर्थिक सुस्ती की गंभीरता का पता चलता है.
बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों में से सात के उत्पादन में सितंबर में गिरावट आयी है. इस दौरान कोयले का उत्पादन सर्वाधिक 20.50 प्रतिशत गिरा है. इसके अलावा कच्चा तेल उत्पादन 5.40 प्रतिशत, प्राकृतिक गैस का उत्पादन 4.9 प्रतिशत, परिशोधित उत्पादों का उत्पादन 6.7 प्रतिशत, सीमेंट उत्पादन 2.1 प्रतिशत, इस्पात उत्पादन 0.3 प्रतिशत और बिजली उत्पादन 3.7 प्रतिशत कम हुआ है.
Govt of India: The combined Index of Eight Core Industries stood at 120.6 in September, 2019, which declined by 5.2% as compared to the index of September, 2018. Its cumulative growth during April to September, 2019-20 was 1.3%. pic.twitter.com/Q38ymCof2F
— ANI (@ANI) October 31, 2019
बुनियादी क्षेत्र में सिर्फ उर्वरक क्षेत्र का उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा है.
बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सितंबर 2018 में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 4.3 प्रतिशत बढ़ा था.
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से सितंबर की अवधि में बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 1.3 प्रतिशत रह गई. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.5 प्रतिशत रही थी.
इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री और निदेशक लोक वित्त डा सुनील कुमार सिन्हा ने आंकड़ों के बारे में कहा कि बुनियादी उद्योगों में इस तरह की गिरावट 2011-12 या 2004-05 की आधार श्रृंखलाओं में कभी भी देखने को नहीं मिली थी.
उन्होंने कहा, ‘इससे स्पष्ट तौर पर जारी औद्योगिक सुस्ती की गंभीरता का पता चलता है.’
सिन्हा की राय में इससे एजेंसी का मत है कि इन आकंडों को देखते हुए ‘भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिसंबर 2019 में नीतिगत ब्याज दर में एक और कटौती तय है.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)