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बुधवार, 25 जून, 2025
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डिजिटल क्रांति: छत्तीसगढ़ में तकनीक से हो रहा बदलाव

प्रदेश की 1,460 ग्राम पंचायतों में स्थापित अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से अब बुजुर्ग पेंशनरों और महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाओं को नगद राशि का भुगतान गांव में ही मिल रहा है.

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रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में डिजिटल इंडिया का सपना तेजी से साकार हो रहा है. राज्य सरकार की दूरदर्शी नीतियों और तकनीकी नवाचारों की बदौलत प्रदेश में शासकीय कामकाज से लेकर आम जनता की सुविधाओं तक में डिजिटल बदलाव साफ नज़र आ रहा है. मंत्रालयों से लेकर ग्राम पंचायतों तक डिजिटल टेक्नोलॉजी ने प्रशासन को न केवल प्रभावी बनाया है, बल्कि इसे आमजन के लिए और भी सुलभ कर दिया है.

प्रदेश की 1,460 ग्राम पंचायतों में स्थापित अटल डिजिटल सेवा केंद्रों के माध्यम से अब बुजुर्ग पेंशनरों और महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाओं को नगद राशि का भुगतान गांव में ही मिल रहा है. इससे ग्रामीणों को बैंक शाखाओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं.

मंत्रालय और संचालनालयों में ई-ऑफिस प्रणाली के सफल क्रियान्वयन के बाद अब इसे जिलों में भी लागू किया जा रहा है. इससे कागजी कामकाज में कमी, फाइलों के त्वरित निपटारे और निर्णय प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है. ज़मीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को भी आसान और डिजिटल बनाया गया है. आधार प्रमाणीकरण और ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के जरिए अब घर बैठे रजिस्ट्री की जा सकती है.

राजस्व प्रशासन को बेहतर बनाने के लिए 14,490 गांवों का जियो रिफरेंसिंग कार्य पूरा किया जा चुका है. यह पहल ज़मीन विवादों को कम करने में मददगार होगी. वहीं, खरीफ 2025-26 के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण की तैयारी भी की जा चुकी है.

ई-कोर्ट, अटल मॉनिटरिंग पोर्टल, और जेम पोर्टल जैसी व्यवस्थाओं से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता आई है. पेंशनरों को ई-पीपीओ, जीपीएफ स्टेटमेंट और पेंशन प्रमाण पत्र डिजीलॉकर के जरिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। एम्प्लाई कॉर्नर ऐप और वेब पोर्टल से शासकीय कर्मचारियों की सेवा जानकारी अपडेट की जा रही है.

छत्तीसगढ़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भी तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. नवा रायपुर में देश का पहला AI डेटा सेंटर पार्क स्थापित किया गया है, जो राज्य की डिजिटल अर्थव्यवस्था को नई गति देगा. वहीं, CGMSCL का ऐप राज्य की दवा आपूर्ति श्रृंखला को रीयल-टाइम में ट्रैक कर रहा है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में समय पर दवा उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.

खनिज विभाग ने ऑनलाइन ट्रांजिट पास की सुविधा से खनिज परिवहन को पारदर्शी बनाया है. वहीं, CMO पोर्टल ने नागरिकों और शासन के बीच संवाद को और बेहतर किया है.

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