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Friday, 22 November, 2024
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क्या ITO बैराज के बंद गेटों की वजह से डूबी दिल्ली? क्यों BJP और AAP एक दूसरे पर अंगुली उठा रहे हैं

दिल्ली में यमुना नदी पर बने आईटीओ बैराज में कुल 32 गेट है. इनमें से 5 गेट कई दशकों से बंद है. पिछले कई सालों से यमुना में कम पानी आता था जिसके कारण इन गेटों को खोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी.

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नई दिल्ली: दिल्ली में बाढ़ आने के बाद से ही आईटीओ बैराज को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और हरियाणा की बीजेपी सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था. ‘आप’ नेताओं ने दिल्ली की बाढ़ को लेकर हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इसे ‘आपदा में राजनीति’ करार दिया.

बता दें कि दिल्ली में यमुना पर बने आईटीओ बैराज में कुल 32 फाटक लगे हुए हैं जिसमें से 5 फाटक जाम थे. बीते कई सालों से नहीं खोले जाने के कारण इन फाटकों के सामने काफी गाद जमा हो गया था जिसके कारण ये फाटक खुल नहीं रहे थे. अब तक यमुना में कम पानी आता था तो फाटक को खोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी और न ही किसी का ध्यान इस ओर जाता था, लेकिन इस साल पानी में बढ़ोतरी के कारण जब पानी दिल्ली के भीतरी इलाके में घुसा तो इन फाटकों को खोलने की जरूरत पड़ी. ‘आप’ नेताओं का कहना है कि अगर फाटक खुल जाते तो दिल्ली में पानी कम आता.

यमुना पर आईटीओ बैराज का निर्माण साल इंद्रप्रस्थ बिजली घर को पानी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से किया गया था.

‘जानबूझकर डुबाई गई दिल्ली’

दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शहर में बाढ़ के लिए केंद्र और हरियाणा की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजधानी की ओर जानबूझकर पानी छोड़ने से दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बनी. दिल्ली में पिछले तीन-चार दिनों से बारिश नहीं हुई, लेकिन यमुना के जलस्तर में फिर भी काफी बढ़ोतरी कैसे हो गई ? यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया.”

हालांकि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि दिल्ली में बाढ़ को लेकर बनी स्थिति किसी पर अगुंली उठाने का वक्त नहीं है. उन्होंने कहा था, “यह एक दूसरे की मदद करने का वक्त है. यह एक ऐसा संकट है जब इंसानों को दूसरे इंसानों की मदद करनी चाहिए. एक-दूसरे को गाली देने से कोई फायदा नहीं है. बीजेपी कल से मुझे गाली दे रही है. उन्हें ऐसा करने दीजिए, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.”

वहीं ‘आप’ नेताओं के आरोप का जवाब देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “गर्मियों में दिल्ली के पीने के पानी की समस्या को दूर करने के लिए हमने अपने हिस्से का पानी भी उनको दिया था और आज जब आपदा आई तो वो राजनीति करने लगे. मैं इतनी घटिया राजनीति नहीं करता और हरियाणा का कोई भी व्यक्ति इतनी छोटी सोच का नहीं है कि खुद को बचाने के लिए दिल्ली को डुबाने की सोचे. हरियाणवी तो अपनी जान देकर भी दूसरों की जान बचाता है. दिल्ली में बाढ़ से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी संवेदना है. हमसे जो भी मदद हो सकेगी हम करेंगे, पर इस विषय पर राजनीति करके उनकी तकलीफ पर नमक नहीं छिड़केंगे.”

बता दें कि दिल्ली के आईटीओ बैराज के रखरखाव की जिम्मेदारी हरियाणा सरकार के पास है. हरियाणा सरकार का कहना है कि आईटीओ बैराज के रखरखाव के लिए दिल्ली सरकार की ओर से पैसे नहीं मिलते हैं जबकि दिल्ली की ‘आप’ सरकार का कहना है कि आईटीओ बैराज के रखरखाव के लिए एनटीपीसी पैसे देती थी जो केंद्र सरकार के अधीन है.

हरियाणा सरकार ने मांगी रिपोर्ट

मामले को बढ़ता देख और आईटीओ बैराज के 5 गेट जाम होने के बारे में सोशल मीडिया पर आ रही पोस्ट एवं विभिन्न माध्यमों से प्राप्त समाचारों पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस मामले में दो सदस्यीय हाई लेवल फैक्ट फाइंडिंग टेक्निकल कमेटी बनाने के आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि इस मामले की गहनता से जांच करके 24 घंटे में रिपोर्ट उनको सौंपी जाए. कमेटी में दो इंजीनियर इन चीफ को सदस्य बनाया गया है.

मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “इस मामले में हरियाणा सरकार पूरी निष्पक्षता के साथ आईटीओ बैराज के 5 गेट नहीं खुलने के मामले की सत्यता को जानना चाहती है. हरियाणा सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों को पूरी गंभीरता के साथ राहत पहुँचाने में लगी हुई है. बाढ़ की वजह से उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों को भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. इस विषय पर सभी प्रदेशों की सरकारों को एकजुटता दिखाते हुए काम करना चाहिए और एक दूसरे पर दोषारोपण से बचना चाहिए क्योंकि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है और इसकी इसकी मार कई हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, यूपी और दिल्ली सहित कई राज्यों को झेलनी पड़ रही है.”

दिल्ली के आईटीओ के पास सड़क पर बाढ़ का पानी | फोटो: ANI

आर्मी, नेवी के मदद से फाटक खोलने की कोशिश

आईटीओ बैराज के जाम पांच गेट को खोलने के लिए आर्मी और नेवी की मदद ली गई है. शुक्रवार रात तक आर्मी ने एक गेट को खोल दिया लेकिन बाकी के गेट को खोलने में सफलता नहीं मिली. भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स तेजिंदर सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने प्रारंभिक मूल्यांकन किया और अपने संसाधन के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया. टीम को अब तक एक गेट खोलने में सफलता मिली है.

वहीं भारतीय नौसेना गोताखोरी टीम के कैप्टन संजय कादियान ने कहा कि उनसे गेट को काटने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा, “हमने अपने साथ गोताखोरों की एक टीम लाई थी. गोताखोरों द्वारा पता लगाने पर पता चला कि गाद भरने से गेट खुल नहीं रहे हैं. सबसे ज्यादा गाद जिस गेट के पास भरा था उसे खोल दिया गया है. बाकी गेट को खोलने का प्रयास जारी है.”

‘आप’ विधायक और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जल्द से जल्द गेट खोलना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर दोबारा हरियाणा की ओर से पानी छोड़ा जाता है तो पानी बैराज के पास जमा न हो. एक गेट को पूरी तरह खोल दिया है जबकि दूसरे गेट को खोलने का काम लगभग 80 फीसदी हो चुका है. एक दो दिन के भीतर सारे गेट खोल दिए जाएंगे.”

दो बैराज के बीच जमा होता है पानी

बता दें कि दिल्ली में यमुना में सबसे उत्तर में वजीराबाद बैराज है. वजीराबाद बैराज से यमुना में 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि आईटीओ बैराज से केवल 2 लाख 75 हजार क्यूसेक पानी ही नदी में छोड़ा गया. यानि वजीराबाद और आईटीओ बैराज के बीच 75 हजार क्यूसेक पानी जमा हो गया. यही कारण है कि आईटीओ और उसके आस-पास के इलाके में बाढ़ की स्थिति बन गई. विशेषज्ञों का मानना है कि बैराज के पांच गेट बंद रहने के कारण यह स्थिति बनी. इन गेटों के बंद रहने के कारण नदी का पानी बढ़ा और यह आसपास के इलाके में काफी तेजी से फैला, जिसके कारण आईटीओ और उसके आस-पास के निचले इलाके में यमुना का पानी कई फीट तक भर गया.


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