बेंगलुरु: मंदिर नगर धर्मस्थल में कथित सामूहिक दफन की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) की निगरानी में चल रही खुदाई के तीसरे दिन गुरुवार को साइट 6 से आंशिक कंकाल अवशेष बरामद हुए, ऐसा मामले से जुड़े लोगों ने बताया.
पूर्व सफाईकर्मी द्वारा पहचानी गई इस साइट से मिले अवशेष जांच में एक बड़ी प्रगति मानी जा रही है. हालांकि, अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई है कि ये अवशेष कथित हत्या, बलात्कार और यातना के शिकार लोगों के हैं या नहीं.
SIT ने मंगलवार सुबह से ही नेत्रावती नदी के किनारे और पश्चिमी घाट के घने जंगलों के आसपास कई स्थानों पर खुदाई शुरू करवाई थी. लगातार हो रही बारिश के कारण खुदाई की प्रक्रिया धीमी पड़ गई.
कुल 13 स्थानों में से वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रोनब मोहंती के नेतृत्व वाली SIT ने अब तक छह स्थानों की खुदाई पूरी कर ली है. एक अधिकारी ने बुधवार को बताया, “छठे स्थान पर कुछ कंकाल अवशेष मिले हैं.”
रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती आठ स्थान नदी के किनारे हैं और शिकायतकर्ता ने आशंका जताई थी कि बाढ़ आने पर शव बह गए होंगे.
4 जुलाई को दक्षिण कन्नड़ पुलिस ने पूर्व सफाईकर्मी के बयान पर FIR दर्ज की थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे “धर्मस्थल मंदिर प्रशासन और अन्य कर्मचारियों से जुड़े लोगों” ने जबरन शवों को दफनाने या ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया.
बुधवार को भी खुदाई का काम जारी रहा, जबकि तटीय जिले में कई हफ्तों से लगातार बारिश हो रही है.
हालांकि, सीधे मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि खुदाई इस लंबे प्रोसेस का सिर्फ एक हिस्सा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “SIT का मकसद सिर्फ कंकाल ढूंढना नहीं है, बल्कि मौत के कारण का पता लगाना है.”
अधिकारी ने बताया कि धर्मस्थल के आसपास नदी और जंगलों के किनारे कई जगहों पर कानूनी तौर पर दफन के रिकॉर्ड भी मौजूद हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि कंकाल मिलने को उन लोगों के दावे के समर्थन के रूप में दिखाया जाएगा, जो क्षेत्र के एक प्रभावशाली परिवार पर कई हत्याओं, बलात्कार और यातना के आरोप लगा रहे हैं.
‘सिर्फ कंकाल नहीं मिले’
वर्तमान में गवाह सुरक्षा के तहत रहने वाले शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा है कि उसे 1995 से 2014 के बीच ‘सैकड़ों’ शवों को दफनाने या ठिकाने लगाने के लिए मजबूर किया गया था.
लेकिन ऊपर जिक्र किए गए अधिकारी ने कहा कि कंकाल केवल व्यक्ति की उम्र और लिंग का पता लगाने में मदद कर सकता है, मौत का कारण तभी पता चल सकता है जब कोई स्पष्ट चोट हो. उन्होंने कहा, “जब तक हड्डियों या कंकाल पर एंटी-मॉर्टेम चोट नहीं होगी, जिससे मौत हुई हो, हम नहीं कह सकते कि यह हत्या है या आत्महत्या.”
अधिकारी ने कहा कि अगर कुछ कंकाल बरामद भी होते हैं, तो SIT यह नहीं जान पाएगी कि मौतें प्राकृतिक थीं या अप्राकृतिक. “किसी पंचायत के पास यह रिकॉर्ड नहीं होगा कि शरीर कहां दफनाया गया, केवल मौत का रिकॉर्ड होगा अगर उन्होंने विधि अनुसार दफनाने का काम किया है,” उन्होंने कहा.
स्थानीय लोगों, कार्यकर्ताओं और सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, सालों में इस इलाके में कई आत्महत्या के मामले हुए हैं. एक वजह यह बताई जाती है कि यह धार्मिक स्थल और आत्ममंथन की जगह है.
लेकिन पीड़ित परिवार और कार्यकर्ताओं का सवाल है कि पड़ोसी धार्मिक स्थलों जैसे सुब्रमण्या और कोल्लूर मूकांबिका में शव क्यों नहीं बहकर आते.
अधिकारी ने कहा, “आपको वही शव निकालने चाहिए जो शिकायतकर्ता ने बताए हैं. उसने अदालत में दिए बयान में पांच घटनाओं का जिक्र किया है. उसे SIT को उन पांच जगहों पर ले जाना चाहिए, वहां शव निकाले जाएं और जांच हो. तब जांच का दायरा उन्हीं आरोपों तक सीमित रहेगा.”
हालांकि, यह पता चला है कि शिकायतकर्ता से केवल दो दिन पूछताछ की गई और उसके सहायकों या सहकर्मियों से अब तक पूछताछ नहीं हुई है, ताकि उसके गंभीर दावों की पुष्टि हो सके.
SIT की अपनी परेशानियां
मंगलवार को SIT को खुदाई स्थल के पास कुछ सामान मिला, जैसे एक पैन कार्ड जिस पर ‘लक्ष्मी’ नाम था और कुछ कपड़े, लेकिन ये सामान खुदाई के अंदर नहीं थे.
अगले दिन, 20 वर्षीय अनन्या भट्ट की मां का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि ये बरामदगी आगे जांच की मांग करती है. अनन्या 2003 में धर्मस्थल से लापता हुई थी.
सुजाता भट्ट की ओर से वकील मंजीनाथ एन ने कहा, “पहचाने जा सकने वाले सामान, जैसे पैन कार्ड और एटीएम कार्ड (जिनमें से एक पर पुरुष का नाम और दूसरे पर महिला का नाम लक्ष्मी था) की बरामदगी आगे की जांच का रास्ता खोलती है. हमें भरोसा है कि SIT इन अहम सुरागों को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ाएगी.”
लगभग सभी SIT अधिकारी बुधवार को रेनकोट पहने नदी किनारे की फिसलन भरी ढलानों और घनी झाड़ियों से होकर गुजरते दिखे. खुदाई दोपहर के आसपास शुरू हुई लेकिन शाम 5 बजे के करीब रोक दी गई.
SIT प्रमुख मोहंती ने दिप्रिंट को बताया, “जांच अपने शुरुआती चरण में है,” और मामले पर कोई अन्य जानकारी देने से इनकार कर दिया.
बुधवार को SIT को एक और झटका लगा क्योंकि मोहंती उन अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर सेवा देने के लिए पैनल में शामिल किया गया है.
केंद्र ने डीजी रैंक के अधिकारियों की सूची जारी की, जिन्हें केंद्र सरकार की एजेंसियों या विभागों में नियुक्त किया जा सकता है. SIT प्रमुख होने के अलावा, मोहंती कर्नाटक में DGP (आंतरिक सुरक्षा प्रभाग) हैं.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बुधवार को मीडिया से कहा, “हम चर्चा करेंगे कि क्या अधिकारी SIT संभाल सकते हैं, भले ही वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हों, या उन्हें बदलने की जरूरत होगी. अगर कानून इजाजत देता है, तो वे जारी रखेंगे, नहीं तो उनके बराबर रैंक का अधिकारी उनकी जगह लेगा.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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