नई दिल्ली: सोमवार को देशभर में ईद-उल-अजहा(बकरीद) मनाया जा रहा है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद नए जम्मू-कश्मीर में भी बकरीद की नमाज पढ़ी गई. कुर्बानी के त्योहार के रूप में मनाए जा रहे बकरीद पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने इस त्योहार को साझी संस्कृति का प्रतीक बताया.
सरकार ने जम्मू-कश्मीर में ईद के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. जम्मू-कश्मीर में ईद से एक दिन पहले रविवार को लोग खरीदारी करते नजर आए. पिछले एक हफ्ते से पूरे सूबे में धारा 144 लगी हुई है इसमें भी ढील दी गई साथ ही बैंक, एटीएम और कुछ बाजार खुले जहां लोग खरीदारी करते नजर आए.
JAMMU: Devotees offer namaaz in the city on the occasion of #EidAlAdha. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/DGIMJ1GYIH
— ANI (@ANI) August 12, 2019
प्रशासन की ओर से घरों पर गैस, सब्जियां और अन्य जरूरी सामग्री भेजी गईं. मस्जिदों में नमाज के लिए प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर रखी है. सरकारी प्रवक्ता नेबताया कि लोगों की सुविधा के लिए प्रत्येक महत्वपूर्ण स्थान पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर की यह पहली ईद है.
Delhi: Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi offers namaz at Panja Sharif Dargah at Kashmere Gate on #EidAlAdha. pic.twitter.com/QAOAFruA7G
— ANI (@ANI) August 12, 2019
अधिकारियों के मुताबिक, घाटी में हिंसा की कोई खबर नहीं है. श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर के हालात शांतिपूर्ण हैं. लोगों की आवाजाही और यातायात में ढील दी गई है. हर संवेदनशील इलाके में आम लोगों की सहूलियत के लिए मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं. यही नहीं यहां के हालात को देखते हुए वे कश्मीरी जो घर नहीं आ पाए हैं उनके लिए प्रशासन ने विशेष 300 टेलीफोन बूथ भी बनाए हैं जिससे वह अपने परिवार वालों से बात कर सकें.
वहीं देशभर में बकरीद की नमाज पढ़ी गई. अलीगढ़ में किसी भी अप्रिय घटना को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नक्वी कश्मीरी केट के पंजा शरीफ में नमाज अता की.
कैसे हैं कश्मीर के हालात
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि क्लैम्पडाउन के बावजूद कश्मीर ने इस निर्णय के बाद असाधारण शांति दिखाई है. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य में किसी तरह की हिंसक घटना नहीं हुई है.
सिंह ने कहा,’कश्मीर पूरी तरह शांत है, किसी भी प्रकार की हिंसा की खबरें नहीं आई हैं. जैसी परिस्थितियां आएंगी, उसके हिसाब से संचार व्यवस्थाओं को चालू और बंद किया जाएगा.’
स्थानीय नागरिकों को असुविधा का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्रशासन ने व्यापक कदम उठाए हैं.
श्रीनगर में उपायुक्त कार्यालय में कुछ फोन लाइनें संचार के लिए सक्रिय कर दी गई हैं.
श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल ने कहा,’उपायुक्त कार्यालय में हेल्पलाइन से दो दिनों में लगभग 1,200 फोन कॉल किए गए. कार्यालय के नंबर भी हेल्पलाइन नंबर में बदल दिए गए हैं.’
उन्होंने कहा,’दो महीनों के लिए प्र्याप्त मात्रा में राशन जमा किया गया है. ईंधन भी प्र्याप्त मात्रा में है. एलपीजी गैस सिलेंडर्स का 22 दिनों का स्टॉक है. एयरपोर्ट बसें लोगों को टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर तक ले जा रही हैं.”
उन्होंने कहा,’जम्मू एवं कश्मीर के प्रत्येक अस्पताल को पांच लाख रुपये दिए गए हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में दवाइयां खरीदी जा सकें. दवाइयों की करीबन 60 दुकानों को यहां खोला गया है.’
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)