नई दिल्ली: विशेष सीबीआई हिरासत के बाद अब भ्रष्टाचार के मामले में शनिवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख, बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और बाकी दो अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. अदालत ने सीबीआई के अनुरोध को खारिज कर इन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा है.
देशमुख, उनके दो सहयोगी-संजीव पलांदे और कुंदन शिंदे धन शोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद न्याायिक हिरासत में थे. वहीं, वाजे, उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटिलिया के पास एक संदिग्ध वाहन खड़ा पाये जाने और मनसुख हिरन हत्या मामले में न्यायिक हिरासत में थे. वाहन से जिलेटिन की छड़ें (विस्फोटक पदार्थ) बरामद की गई थी.
इस महीने की शुरुआत में, भ्रष्टाचार के एक मामले के सिलसिले में सभी आरोपियों को केंदीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया गया था. उनकी रिमांड की अवधि समाप्त होने पर उन्हें विशेष सीबीआई न्यायाधीश डी पी सिंघाडे के समक्ष शनिवार को पेश किया गया.
सीबीआई ने और तीन दिनों के लिए देशमुख को हिरासत में देने का अनुरोध किया, जबकि वाजे, पलांदे और शिंदे के लिए ऐसा आग्रह नहीं किया.
हालांकि, सीबीआई के अनुरोध को खारिज करते हुए अदालत ने चारों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
इससे पहले 11 अप्रैल तक सीबीआई हिरासत में थे
वहीं इससे पहले राकांपा नेता व महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे और देशमुख के दो पूर्व सहयोगियों को 11 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था.
हिरासत के लिए दिए गए आवेदन में, सीबीआई ने ‘गहरी साजिश का पता लगाने के वास्ते’ पूछताछ के उद्देश्य से आरोपियों की हिरासत मांगी थी और कहा था कि आरोपी व्यक्तियों को दिल्ली में एजेंसी के मुख्यालय में ले जाना पड़ सकता है जहां उनसे वैज्ञानिक पूछताछ की जा सकती है.
सीबीआई की एक विशेष अदालत ने वाजे, शिंदे और पलांडे को 11 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था, लेकिन देशमुख पर कोई आदेश पारित करने से इनकार करते हुए कहा था कि जांच अधिकारी को पहले यह दिखाना होगा कि उन्होंने पूर्व मंत्री के स्वास्थ्य के बारे में पता लगाने के लिए क्या प्रयास किए हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)