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Monday, 6 May, 2024
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लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों ने फहराया झंडा, बेकाबू हुआ किसान आंदोलन

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आईटीओ पहुंचने के बाद लुटियन दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की उसदौरान  पुलिस के साथ उनकी भिड़ंत हुई. आंसू गैस के गोले दागे गए. कई पुलिस वाले घायल हुए हैं.

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नई दिल्ली: किसान आंदोलन पूरी तरह से बेकाबू हो गया है. पूर्व निर्धारित मार्ग से हटकर प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर पर सवार होकर लाल किला पहुंचे. और कुछ किसानों ने लाल किला परिसर में जमकर हंगामा काटा. प्रदर्शनकारी लाल किले पर वहां पर भी पहुंच गए जहां 15 अगस्त को लाल किले पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं और वहां अपना झंडा फहराया.

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी के आईटीओ पहुंचने के बाद लुटियन दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश की उस दौरान  पुलिस के साथ उनकी भिड़ंत हुई.

किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली में लाल किले से लेकर आईटीओ तक हंगामें की खबरे आने के बाद जब भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय एकता के नेता राकेश टिकैत से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘ हमारे सब लोग शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे हैं. जो लोग गड़बड़ फैलाने की कोशिश कर रहे हैं वो चिन्हित हैं. वो राजनीतिक दल के लोग हैं और इस आंदोलन को खराब करना चाहते हैं.


यह भी पढ़ें: ट्रैक्टरों से बेरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले


कई घायल

बेकाबू प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. इस दौरान किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल लोगों ने पुलिस पर भी पत्थर और तलवार से हमला किया. कई पुलिस वालों के घायल होने की खबर है.

किसानों ने तय समय से पहले विभिन्न सीमा बिंदुओं से अपनी ट्रैक्टर परेड शुरू की. किसान अनुमति नहीं मिलने के बावजूद मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए. प्रदर्शनकारी हाथ में डंडे और तलवार लेकर पुलिस कर्मियों को दौड़ाते हुए दिखे.

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पुलिस ने भी लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया. दिल्ली पुलिस ने किसानों से कानून हाथ में नहीं लेने और शांति बनाए रखने की अपील की.

क्योंकि परेड में हिस्सा ले रहे कुछ ट्रैक्टरों ने नियत रास्ते से हटकर दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास किया. ट्रैक्टर परेड को अप्सरा बॉर्डर की ओर जाना था लेकिन कुछ ट्रैक्टरों ने चिंतामणि चौक पर पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. इसके बाद पुलिस को किसानों को पीछे धकेलने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा. इस अव्यवस्था में कुछ गाड़ियों के शीशे टूट गए.

पुलिस किसानों को तितर बितर करने में कामयाब रही.

किसानों के एक समूह ने पहले से तय मार्ग को नहीं माना और मध्य दिल्ली के आईटीओ पहुंच गए. पुलिस ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के पास बैरिकेड लगाए, आंसू गैस के गोले छोड़े तथा लाठीचार्ज किया ताकि किसानों को तिलक ब्रिज की तरफ तक बढ़ने से रोका जा सके.

मेट्रो के दस स्टेशन बंद

किसानों के प्रदर्शन की वजह से दिल्ली मेट्रो कॉरपोरेशन ने उत्तरी और मध्य दिल्ली के कुछ मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कई स्थानों पर पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच झड़पों के बाद मंगलवार को मध्य एवं उत्तर दिल्ली के 10 से ज्यादा मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए.

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने ट्विटर पर सूचित किया कि मेट्रो स्टेशनों के द्वार अस्थायी रूप से बंद किए गए हैं.

डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के प्रवेश/निकास द्वार बंद हैं. समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोड़, जहांगीरपुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्वविद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस स्टेशनों के प्रवेश/निकास द्वार भी बंद हैं.’

किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने इस झड़प की निंदा करते हुए कहा, ‘सभी प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं, हम किसानों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हैं.’ बता दें कि पुलिस और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच सिर्फ आईटीओ पर ही नहीं बल्कि गाजीपुर बॉर्डर के पास शाहदरा में चिंतामणि चौक पर झड़प हुई जहां दिल्ली पुलिस ने लाठीचार्ज किया और किसानों ने ट्रैक्टरों से बैरिकेटिंग को हटाया.

किसानों को पुलिस प्रशासन ने गणतंत्र दिवस परेड के बाद रैली निकालने की अनुमति दी थी लेकिन किसानों ने तय समय से पहले ही अपनी रैली निकालनी शुरू कर दी और उसके बाद जगह जगह दोनों की झड़पे हुएं. आईटीओ पर सख्ती बरदते हुए पुलिस ने किसानों को ट्रैक्टर से उतार दिया.

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