नई दिल्ली : प्रदूषण का मुद्दा अब संसद में पहुंच गया है. लोकसभा में मंगलवार को सांसदों ने चर्चा करते हुए सरकार को इस पर तुरंत बड़ा कदम उठाने को कहा. सत्ता पक्ष और विपक्ष के विभिन्न दलों के सदस्यों ने वाहनों और उद्योगों से निकलने वाले धुएं को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना और पीएम मोदी को इस पर कमान संभालने को कहा. वहीं बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने इसके लिए केजरीवाल सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया.
Parvesh Sahib Singh Verma, BJP, in Lok Sabha: For last 4.5 years the Delhi CM kept saying that the Prime Minister doesn't let him work, the Delhi Lieutenant Governor doesn't let him work. In the last 6 months everyone is letting him work, he is distributing everything for free. pic.twitter.com/lphVlAW9VP
— ANI (@ANI) November 19, 2019
वहीं इतने गंभीर मुद्दे पर बहस के दौरान संसद में सवा सौ सदस्य ही मौजूद रहे बाद में घटकर यह संख्या लगभग 70 बची. जो यह बताने के लिए काफी है कि ज्यादातर सांसदों के लिए यह मसला अब भी अहम नहीं है.
कांग्रेस के मनीष तिवारी, बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा और भाजपा के प्रवेश वर्मा ने कहा कि पराली जलने से प्रदूषण फैलने के दावे निराधार हैं और इसके बड़े कारणों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, औद्योगिक प्रदूषण एवं अन्य कारण जिम्मेदार हैं.
निचले सदन में नियम 193 के तहत प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा – ये मुद्दा बहुत गंभीर है. दिल्ली के प्रदूषण को लेकर हर साल पड़ोसी राज्यों पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किसानों के पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जबकि इस तरह के दावे गलत हैं.
उन्होंने कहा कि पराली जलाना गलत है और हम भी उसका समर्थन नहीं करते लेकिन किसानों की आर्थिक सीमाएं हैं और केंद्र सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा. आंकड़ों को देखें तो राजधानी में जहरीली हवा के लिए 41 प्रतिशत हिस्सेदारी वाहनों से निकलने वाले धुएं की, 18.6 फीसदी हिस्सेदारी उद्योगों की एवं अन्य कारकों की होती है. तिवारी ने कहा कि छोटे किसानों को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराना उनके साथ इंसाफ नहीं है.
तिवारी ने सदन में मांग उठाई कि प्रदूषण के विषय पर एक स्थाई समिति बनाई जानी चाहिए जो सिर्फ इससे और जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषयों को देखे और हर संसद सत्र में एक दिन उसके कामकाज की समीक्षा हो.
बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों के किसानों को अनावश्यक तरीके से प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराया जाता है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ती कारों की संख्या भी प्रदूषण का बड़ा कारण है. उन्होंंने कहा बड़ी संख्या में लोग मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन के साधनों का इस्तेमाल नहीं करते और अपनी ही गाड़ी में चलना चाहते हैं.
मिश्रा ने कहा कि पराली जलाने का समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन छोटे गरीब किसानों को इस काम से रोकने के लिए केंद्र सरकार को मदद देनी होगी. या तो किसानों को वैकल्पिक फसलों के लिए सब्सिडी दी जाए अथवा पराली से कागज, बिजली, बायोगैस आदि उत्पाद बनाने के संयंत्र लगाकर किसानों को इसे जलाने से हतोत्साहित किया जाए.
बीजेडी नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा- तमाम तरह के प्लांट लगाए जाने में सरकार का योगदान होता है लेकिन सरकार को इस स्तर पर कोशिश करनी चाहिए जो प्रदूषण के लिए बड़ा जिम्मेदार बनता है. उन्होंने आंकड़े देते हुए दिल्ली में व्हीकल को इसकी सबसे बड़ी वजह बताया.
पिनाकी ने कहा सस्टेनबल विकास ही एकमात्र रास्ता है. जितना पेड़ काटे जाएं उतना लगाएं जाएं. जितना नुकसान उतनी भरपाई. घर भी बनेंगे लेकिन सस्टेनेबल विकास के मद्देनजर. सरकार इस पर तुरंत ध्यान दे और तत्काल अलर्ट हो.
मिश्रा ने तरकीब सुझाते हुए कहा कि चीन ने कड़े कदम उठाए और कोयले पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाकर, वाहनों की संख्या पर लगाम लगाकर एवं अन्य उपाय करके बीजिंग के प्रदूषण को कम किया.
बीजेपी सांसद ने किया केजरीवाल सरकार पर जमकर हमला
जपा नेता प्रवेश वर्मा ने चर्चा के दौरान केजरीवाल को जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने कहा प्रदूषण के मसले पर देश का भविष्य टिका है. तीन-तीन साल के बच्चों को कैंसर हो रहा है. उन्होंने कहा डब्ल्यूएचओ दिल्ली को सबसे प्रदूषित शहर कहता है. दिल्ली के पानी पर हाल ही में आई रिपोर्ट इसे बहुत खराब बताती है लेकिन दिल्ली के सीएम प्रचार पर पैसे फूंक रहे हैं.
सांसद ने केजरीवाल को दिल्ली के आसपास गांव वालों को इसके लिए जिम्मेदार बताने पर कहा कि गांव वालों को कहना कि वो प्रदूषण फैला रहे हैं गलत है. उन्होंने इसके लिए केजीरवाल की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा दिल्ली के एक सीएम जिनका कोई भविष्य नहीं वह ऑड-ईवन के विज्ञापन का दांव खेल रहे हैं. आज दिल्ली में 1 करोड़ 10 लाख व्हीकल हैं. 70 लाख व्हीकल क्यों बढे़ हैं इस पर बात नहीं कर रहे हैं. दिल्ली सरकार ने एक भी नई बस नहीं खरीदी जिसकी वजह से लोग निजी वाहन खरीद रहे हैं. आड-ईवन योजना चुनावी खेल है.
प्रवेश वर्मा ने उन पर तंज कसते हुए कहा, ‘सरकार में आने से पहले केजरीवाल खांसते थे और अब दिल्ली. वह खुद प्रदूषण हैं.’
प्रदूषण पर दिल्ली विधानसभा में बहस के दौरान बीजेपी नेता गौतम गंभीर का चर्चा में मौजूद नहीं होने को लेकर बने मुद्दे के बाद वर्मा ने भी मंगलवार को पंजाब से आप सांसद भगवंत मान के लोकसभा में इस पर चर्चा में के दौरान मौजूद न होने पर पलटवार किया.
अनियमित कालोनियों की धूल को प्रदूषण को एक अमह कारण की बात करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने इन्हें नियमित किया जिससे प्रदूषण कम होगा. जबकि केजरीवाल इस पर चुप बैठे रहे.
उन्होंने केजरीवाल सरकार द्वारा स्कूलों में बांटे जाने वाले मास्क को खराब बताया है और 50 लाख मास्क को बिना टेंडर ऑर्डर देने का आरोप लगाया.
तृणमूल कांग्रेस की सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति की ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिये सदन में मास्क लगाकर इस मुद्दे पर बोलना शुरू किया. हालांकि, बाद में उन्होंने मास्क उतार लिया. उन्होंने सवाल किया, ‘क्या हम स्वच्छ हवा मिशन शुरू करने जा रहे हैं? 41 प्रतिशत वायु प्रदूषण वाहनों से होता है. 18 प्रतिशत वायु प्रदूषण उद्योगों से होता है. हर व्यक्ति को स्वच्छ हवा में सांस लेने का अधिकार है.’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के बजाय मानव भलाई के लिये क्यों नहीं सोचना चाहिए?
चर्चा में भाग लेते हुए वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के मिथुन रेड्डी ने कहा कि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए तुच्छ राजनीति नहीं करनी चाहिए और सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए.
शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि औद्योगिकीकरण की तरफ बढ़ने से जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा हुई. उन्होंने कहा कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने के लिए सबसे पहले प्रकृति पर अत्याचार बंद करना होगा.
जदयू के दिनेश्वर कामत ने कहा कि बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए कारगर कदम उठाए हैं जिनका अनुसरण पूरे देश में किया जाना चाहिए.
बसपा के दानिश अली ने कहा कि यह शर्मनाक बात है कि प्रदूषण को लेकर होने वाली संसदीय समिति की बैठक में 29 में से सिर्फ चार सांसद पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए एकीकृत नीति बनाने की जरूरत है.
टीआरएस के नमा नागेश्वर राव ने कहा कि इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर सभी प्रयास करने होंगे.
चर्चा में भाजपा के मनोज तिवारी और गौतम गंभीर, अन्नाद्रमुक के केपी रवींद्रनाथ और माकपा के ए एम आरिफ ने भी भाग लिया. चर्चा अधूरी रही.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)