नई दिल्ली: दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) ने दिल्ली के 12 अस्पतालों को बंद करने का नोटिस भेजा है. इन सभी अस्पतालों को सात दिन का समय दिया गया है. डीपीसीसी ने कहा गया है कि दी गई समय सीमा के भीतर इन अस्पतालों को इनके यहां भर्ती मरीज़ों से अस्पताल ख़ाली करवाना होगा.
ऐसा आदेश बायो मेडिकल वेस्ट यानी जैव चिकित्सा अपशिष्ट का ट्रीटमेंट यानी निष्पादन नहीं किए जाने की वजह से दिया गया है. डीपीसीसी ने कहा, ‘बायो मेडिकल वेस्ट का ट्रीटमेंट नहीं किया जाना स्वास्थ्य से जुड़ी बड़ी समस्याओं को जन्म देता है.’
आगे कहा गया कि वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को डीपीसीसी से इस वेस्ट के ट्रीटमेंट के अनुमति लेनी होती है. ऐसे केंद्र बायो मेडिकल वेस्ट के निपटारे के लिए चाहे जिस तरह की पद्धति अपना रहे हों, उन्हें इसकी अनुमति लेनी ही होती है.
ये भी कहा गया, ‘बायो मेडिकल वेस्ट उत्पन्न कर रहे स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी (सीबीडब्ल्यूटीएफ) के साथ अनुबंध नहीं करना होता है. जो स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों बायो मेडिकल वेस्ट उत्पन्न नहीं कर रहे होते. उन्हें एक एफेडेविट देना होता है. ताकि उन्हें ऑटो जेनेरेटेड अनुमित दी जा सके.’
डीपीसीसी का दावा है कि फरवरी 2019 से इसने तहत-तहत के प्रयासों से स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों को बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फैसिलिटी (सीबीडब्ल्यूटीएफ) और इससे जुड़ी अनुमति के बारे में अवगत कराने के प्रयास किए हैं. डीपीसीसी अब अनुमति नहीं लेने वालों को ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रहा है.
इस कार्रवाई के तहत बायो मेडिकल वेस्ट उत्पन्न कर रहे. स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों के ख़िलाफ़ कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन, ऐसे केंद्रों में मरीज़ों के लिए बिस्तर होते हैं. कई बार इनमें भर्ती मरीज़ों की हालत गंभीर होती है और इसकी वजह से इन केंद्रों के ख़िलाफ़ सतर्कता के साथ कदम उठाए जा रहे हैं.
इस केंद्रों को ख़ुद डीपीसीसी जाकर नोटिस दे रहा है. ताकि, उनके द्वारा ली गई अनुमति की ताज़ा स्थिति को जाना जा सके और ऐसे केंद्रों के ख़िलाफ़ कार्रवाई मत हो जाए जिनके पास किसी भी तरह की अनुमति है. उल्लंघन करने वालों के ख़िलाफ़ पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का हर्ज़ाना भी लगाया जाएगा.
ऐसे 56 केंद्रों की पहचान की गई है और अभी 12 को बंद किए जाने का नोटिस जारी किया गया है. 30 जून को इन सभी 56 केंद्रों के ख़िलाफ़ जांच पूरी की जाएगी और आगे की कार्रवाई की जाएगी.