नई दिल्ली: पराली जलने की वजह से दिल्ली के प्रदूषण में हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य के सभी स्कूलों को 5 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया है.
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने भी हवा की खराब स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है.
पर्यावरण प्रदूषण अथोरिटी ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा पराली जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें. दिल्ली एनसीआर में जलने वाले बायोमास पर भी नजर रखी जा रही है.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal: All schools in Delhi to remain closed till 5th November, following rise in pollution levels due to stubble burning. pic.twitter.com/hA78req2KK
— ANI (@ANI) November 1, 2019
उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित पैनल ने शुक्रवार को दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जन स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए पांच नवम्बर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने प्रदूषण के ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने पर पूरी ठंड के दौरान पटाखे फोड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
Environment Pollution (Prevention&Control) Authority states air quality in Delhi NCR is now at Severe+ level, prohibits construction activities in Delhi NCR till morning of November 5, 2019. Cracker burning completely banned for the entire winter period. pic.twitter.com/hC49ToVhXj
— ANI (@ANI) November 1, 2019
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि गुरुवार रात दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता बहुत खराब हो गई और वह अब ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है.
उन्होंने पत्र में कहा , ‘हम इसे एक जन स्वास्थ्य आपातकाल की तरह ले रहे हैं क्योंकि वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव होगा, विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य पर.’
वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली में लगातार गहराते वायु प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता में खराबी के लिये पंजाब और हरियाणा पर दोष मढ़ने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुये शुक्रवार को कहा कि प्रदूषण के मुद्दे पर राजनीति करना उचित नहीं है.
Prakash Javadekar: But providing relief to people from pollution is everyone's responsibility. I appeal that instead of blaming Haryana & Punjab and blaming each other, all 5 states should sit together and discuss ways to mitigate pollution. (2/2) https://t.co/zj0aaQFbHW
— ANI (@ANI) November 1, 2019
जावड़ेकर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में विभागीय कामकाज के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत करते हुये कहा, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण के विषय पर राजनीति कर रहे हैं. वह आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं. दिल्ली के प्रदूषण के लिये पंजाब और हरियाणा को दोष देना ठीक नहीं है.’
जावड़ेकर ने केजरीवाल के इस आरोप को गलत बताते हुये कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिये पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहरा रहे हैं. जावड़ेकर ने दलील दी कि दिल्ली में वाहन जनित वायु प्रदूषण हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ने की प्रमुख वजह थी. इस पर नियंत्रण के लिये मोदी सरकार ने ‘पेरीफेरल एक्सप्रेस वे’ का निर्माणकार्य पांच साल में पूरा कराया जिसके कारण दिल्ली से होकर दूसरे राज्यों को जाने वाले वाहनों की संख्या में प्रतिदिन लगभग 60 हजार की कमी आई है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)