नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार जल्द ही एक नया कानून लाएगी. पर्यावरण मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. राष्ट्रीय राजधानी में जहरीले धुंध की परत छाने के बीच वायु की गुणवत्ता लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है.
सेंटर प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के आनंद बिहार और गाजीपुर इलाके में सुबह से ही प्रदूषण की वजह धुंध जैसी स्थिति बनी हुई है. आनंद विहार की वायु गुणवत्ता जांच 377 आई जो जहरीली है.जबकि इंडिया गेट और राजपथ पर भी विजुअल कम ही रहा है.
पर्यावरण सचिव आरपी गुप्ता ने कहा, ‘नया कानून केवल दिल्ली और एनसीआर के लिए होगा. यह जल्द ही सामने आएगा. इसके जुर्माने संबंधी सूचना पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता. यह नया कानून केवल दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए है. वायु कानून राष्ट्र के लिए है और यह जस का तस रहेगा.’
उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता के खराब होते स्तर को लेकर चिंता जताई थी और केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि वह प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नया कानून लाएगा और उसके समक्ष चार दिन के भीतर एक प्रस्ताव पेश करेगा. इसके बाद ही गुप्ता की यह प्रतिक्रिया सामने आई है.
#WATCH: Air pollution continues to rise in Delhi as Air Quality Index (AQI) deteriorates; visuals from India Gate & Rajpath. pic.twitter.com/IHHAHcWvSt
— ANI (@ANI) October 27, 2020
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था ‘सफर’ ने कहा कि वायु की गुणवत्ता 31 अक्टूबर तक बहुत खराब श्रेणी में बनी रहने की आशंका है.
वहीं, सोमवार को भी लगातार चौथे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के तहत वायु गुणवत्ता का स्तर 353 रहा जो ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में आता है.
वायु प्रदूषण करने वालों के खिलाफ लाखों का जुर्माना
वहीं सोमवार को नोएडा प्राधिकरण ने वायु प्रदूषण से निपटने के नियमों का उल्लंघन करने को लेकर निर्माणाधीन साइटों समेत कई अन्य स्थानों पर 5.39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. प्राधिकरण ने वायु वायु गुणवत्ता प्रभावित होने से रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया है. इसके तहत सड़कों पर पानी का छिड़काव भी कराया जा रहा है. वायु प्रदूषण संबंधित नियमों का उल्लंघन करने पर कई स्थानों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई.
जन स्वास्थ्य अधिकारी एससी मिश्रा ने बताया कि वर्क सर्किल-8 द्वारा निर्माण कार्य में नियमों का पालन नहीं करने पर दो लोगों से 15 हजार रुपए का अर्थदंड लिया गया. इसी तरह, वर्क सर्किल-9 द्वारा निर्माण कार्य में नियमों का उल्लंघन करने और खुले में निर्माण सामग्री पाए जाने के प्रकरण में तीन लोगों से 5,20,000 रुपये जुर्माने के रूप मे वसूले गए.
मिश्रा ने बताया कि जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन का प्रयोग करने तथा कूड़ा फैलाने के मामले में सात ठेले वालों पर 4,000 रुपये का दंड लगाया गया.
उन्होंने बताया कि 26 अक्टूबर को कुल 5,39,000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही विभिन्न स्थानों से कुल 370 टन मलबा उठाया गया, तथा उसे निस्तारण करने हेतु सेक्टर-80 स्थित सी एंड डी प्रोसेसिंग प्लांट पर भेजा गया.