scorecardresearch
Wednesday, 8 May, 2024
होमदेशदिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और योगेंद्र यादव को किया बरी

दिल्ली हाईकोर्ट ने मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और योगेंद्र यादव को किया बरी

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा उद्धृत मीडिया लेखों का अध्ययन किया गया है, लेकिन इन रिपोर्टों से मानहानि का मामला स्थापित नहीं हो सका.

Text Size:

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव (आप के पूर्व नेता) को वकील सुरेंद्र शर्मा द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि मामले में बरी कर दिया, जिन्होंने दावा किया था कि आप से उनकी उम्मीदवारी 2013 के विधानसभा चुनावों में अंतिम वक्त में रद्द कर दी गई थी.

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) विधि गुप्ता ने शनिवार को आदेश पारित करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा उद्धृत मीडिया लेखों का अध्ययन किया गया है, हालांकि, शिकायतकर्ता इन रिपोर्टों से मानहानि का मामला स्थापित नहीं कर सका. शनिवार को अदालत द्वारा आदेश सुनाए जाने के दौरान तीनों व्यक्ति अदालत में मौजूद थे.

मामला एक वकील सुरेंद्र कुमार शर्मा ने दायर किया था, जिनकी सुनवाई के दौरान खराब स्वास्थ्य के कारण मृत्यु हो गई थी. बाद में उनके भतीजे ने कोर्ट में केस को आगे बढ़ाना जारी रखा. शर्मा के अनुसार, उन्होंने इन नेताओं के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी और दलील दी थी कि 2013 में आप से उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई थी और विभिन्न समाचार पत्रों में अपमानजनक तरीके से प्रकाशित किया गया था.

सुरेंद्र कुमार शर्मा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि 2013 में चुनाव से ठीक पहले AAP के कई वॉलंटियर ने उनसे संपर्क किया था, जिन्होंने उन्हें आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा था, यह कहते हुए कि अरविंद केजरीवाल उनके सामाजिक कामों से खुश थे.

बाद में उन्होंने मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव द्वारा बताए जाने के बाद चुनाव लड़ने के लिए आवेदन पत्र भरने का फैसला किया कि आप की राजनीतिक मामलों की समिति ने उन्हें टिकट देने का फैसला किया है. हालांकि बाद में उन्हें इससे इनकार कर दिया गया था.

14 अक्टूबर 2013 को, शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा ने दावा किया कि विभिन्न प्रमुख समाचार पत्रों में लेखों में ‘इन राजनीतिक व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किए गए अपमानजनक, गैरकानूनी और अपमानजनक शब्द हैं, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा कम हुई है.

share & View comments