नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से औद्योगिक उपयोग के लिए ऑक्सीजन सप्लाई को तुरंत रोकने को कहा है. अदालत यह ने यह आदेश मैक्स अस्पताल में ऑक्सीजन के कमी को लेकर एक याचिका की सुनवाई पर दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरन सवाल किया है कि सरकार वास्तविकता को लेकर क्यों नहीं जाग रही है.
Delhi High Court asks Centre to immediately stop the supply of oxygen for industrial purposes#COVID19
— ANI (@ANI) April 21, 2021
हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह तुरंत मेडिकल इस्तेमाल के लिए स्टील प्लांट और पेट्रोलियम प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन को अपने कब्जे में ले.
अदालत ने निर्देश दिया कि केंद्र ऑक्सीजन उत्पादन की जगह से पहुंचाई जाने वाली जगह तक सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराए·
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि हमारी चिंता सिर्फ दिल्ली के लिए नहीं बल्कि देश के हर हिस्से के लिए है. कोर्ट ने सवाल किया के केंद्र क्या कर रहा है.
अदालत 9:20 बजे तक मामले पर फिर सुनवाई करेगी.
"Central govt has increased Delhi’s quota of oxygen," tweets Delhi CM Arvind Kejriwal pic.twitter.com/hFFUeXQW1Q
— ANI (@ANI) April 21, 2021
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है केंद्र सरकार ने दिल्ली में ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया गया है. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है.
आर्थिक हित मानव जीवन से अधिक महत्वपूर्ण नहीं: अदालत
वहीं इससे एक दिन पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि आर्थिक हित मानव जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं. राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए अदालत ने केंद्र से कहा कि 22 अप्रैल तक इंतजार करने के बदले इस अहम गैस के औद्योगिक उपयोग पर तुरंत रोक लगायी जानी चाहिए.
न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा था कि विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति 4-8 घंटे में समाप्त हो जाएगी और ऐसी स्थिति में 22 अप्रैल से प्रतिबंध लागू करने के फैसले का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि जरूरत अभी की है.
पीठ ने केंद्र को तुरंत प्रतिबंध को लागू करने और अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराने का निर्देश दिया था क्योंकि इसमें किसी भी तरह की देरी से लोगों की मौत हो सकती है.
अदालत ने ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली कंपनी आईएनओएक्स को भी नोटिस जारी किया करके सवाल किया था कि ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए अदालत के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए क्यों नहीं उसके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए. पीठ ने 22 अप्रैल को अगली सुनवाई के दिन कंपनी के प्रबंध निदेशक को मौजूद रहने का निर्देश दिया था.