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Friday, 26 April, 2024
होमदेशआ गया दिल्ली का नया मास्टर प्लान, DDA ने मांगी जनता की राय - ये है डिटेल, फोकस एरिया

आ गया दिल्ली का नया मास्टर प्लान, DDA ने मांगी जनता की राय – ये है डिटेल, फोकस एरिया

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने दिल्ली मास्टर प्लान 2041 को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इस बार की योजना का उद्देश्य शहर के प्लानिंग में महामारी से संबंधित परिवर्तनों को शामिल करना है.

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नई दिल्ली: दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इसी सप्ताह दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 के मसौदे को अपनी शुरुआती मंजूरी दे दी है. इसे डीडीए की वेबसाइट पर बुधवार को अपलोड कर दिया गया है. यह मसौदा अब नागरिकों की आपत्तियों और सुझावों के लिए सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है, जिसके बाद इसे साल के अंत तक लागू किए जाने की संभावना है.

दिप्रिंट से बात करते हुए, डीडीए के उपाध्यक्ष अनुराग जैन ने कहा, ‘लोग (आम नागरिक) 45 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां और सुझाव हमें भेज सकते हैं, जिसके बाद हम इनका सावधानीपूर्वक अध्ययन करेंगे और उन्हें विभागानुसार स्कैन करेंगे’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘एक बार ऐसा करने के बाद और उन सभी परिवर्तनों को शामिल करने के बाद जो प्रासंगिक लगते हैं, हम भारत सरकार की मंजूरी के लिए अंतिम योजना फॉरवर्ड करेंगे. हमारा लक्ष्य इसे नवंबर 2021 के मध्य तक तैयार कर देना है, ताकि केंद्र के पास साल के अंत तक इसे मंजूरी देने के लिए पर्याप्त समय हो.’

एक बार अधिसूचित (नोटिफ़ाइड) हो जाने के बाद, यह दिल्ली मास्टर प्लान- 2041 दिल्ली के मौजूदा मास्टर प्लान-2021 की जगह लेगा, जो 7 फरवरी 2007 को लागू हुआ था.

महामारी से संबंधित परिवर्तनों और जनसंख्या में वृद्धि के साथ-साथ बेरोजगारी में भी तेजी से वृद्धि हुई है. दिल्ली की नाइटलाइफ़ सर्किट योजना जैसी नई पहलों के माध्यम से, 2041 के मसौदा मास्टर प्लान के तहत मास्टर प्लान 2021 की तुलना में शहर की रात्रिकालीन अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा देने की कोशिश की गई है.

योजना में आम जनता की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से डीडीए ने पिछले साल एमपीडी-2041 की तैयारी के बारे में जानकारी साझा करने हेतु एक इंटरैक्टिव माइक्रोसाइट, ‘एमपीडी-2041 के लिए पब्लिक एंगेजमेंट (जानभागीदारी) पोर्टल’ लॉन्च किया था. यहां सभी लोग अपनी प्रतिक्रिया (फीडबैक) और अपनी राय भी साझा कर सकते हैं.

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क्षेत्रफल की दृष्टि से दिल्ली देश का सबसे बड़ा शहर है, जो लगभग 1486.5 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसमें 367 गांव भी शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश को पहले ही शहरी गांव घोषित कर दिया गया है. दिल्ली में 11 जिले, 33 तहसील/उप-मंडल, 272 वॉर्ड और पांच स्थानीय निकाय – उत्तरी दिल्ली नगर निगम (डीएमसी), दक्षिण डीएमसी, पूर्वी डीएमसी, नई दिल्ली नगर परिषद और छावनी बोर्ड – हैं जो नागरिक प्रशासन की कमान संभालते हैं. योजना और प्रबंधन में आसानी के लिए दिल्ली को 18 नियोजन क्षेत्रों (प्लानिंग जोन) में विभाजित किया गया है.

448 पन्नों वाले इस मसौदा योजना का उद्देश्य राष्टीय राजधानी को अधिक चिरस्थायी, रहने योग्य और सुरक्षित शहर बनाना है, जिसमें सभी के लिए आवास और बेहतर आर्थिक गतिविधियां शामिल हैं. दिप्रिंट ने इस व्याख्यात्मक आलेख में इस प्रस्तावित मास्टर प्लान की कुछ प्रमुख विशेषताओं – घर के किराए से लेकर किफायती घर सुनिश्चित कराने और सड़क सुरक्षा पर नज़र रखने – को देखा है.


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दिल्ली मास्टर प्लान है क्या?

दिल्ली के लिए पहला मास्टर प्लान (एमपीडी) 1962 में दिल्ली विकास अधिनियम 1957 के तहत प्रख्यापित किया गया था. इसके बाद 2001 और 2021 के मास्टर प्लान आये, जिनमें से प्रत्येक ने पिछले योजना दस्तावेज को बड़े पैमाने पर संशोधित किया.

यह मास्टर प्लान शहर के विकास को और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से जुड़े प्रमुख अवयवों में से एक है. यह शहर के विकास का मार्गदर्शन करने के लिए एक ‘रणनीतिक’ और ‘सक्रिय करने वाला’ ढांचा है और क्रमशः 1962, 2001 और 2021 की पिछली योजनाओं के कार्यान्वयन से सीखे गए सबक पर आधारित है. डीडीए इस मास्टर प्लान को लागू करने के लिए प्रमुख एजेंसी है, जबकि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स ने भी विशेषज्ञों, व्यापारियों और अन्य हितधारकों के परामर्श के बाद इसे तैयार करने में मदद की है.

2041 के लिए मसौदा योजना दो खंडों में विभाजित है और इसमें पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, सार्वजनिक स्थल, विरासत, आश्रय स्थल, गतिशीलता तथा सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे के प्रमुख क्षेत्रों हेतु क्षेत्रवार नीतियां शामिल की गयी हैं.

इसमें राष्ट्रीय राजधानी में विकास की तीव्रता (गति) और प्रकार का मार्गदर्शन करने के लिए स्थानिक (स्थान सम्बंधित) विकास से संबंधित रणनीतियां शामिल की गयी हैं इनमें हरित विकास क्षेत्र, नियोजित और अनियोजित क्षेत्रों का पुनरुज्जीवन (फिर से नया जीवन प्रदान करना), पारगमन (ट्रांजिट) उन्मुख विकास, रणनीतिक पुनरुज्जीवन और लैंड पूलिंग एरिया शामिल हैं. इस प्रस्ताव को सबसे पहले दिल्ली के लेफ्टिनेंट जनरल अनिल बैजल की अध्यक्षता में इस साल 13 अप्रैल को हुई बैठक के सामने पेश किया गया और प्रारंभिक मंजूरी दी गई.

2041 के मास्टर प्लान में क्या है फोकस एरिया?

मसौदा योजना, जिसकी एक प्रति दिप्रिंट के पास उपलब्ध है, के अनुसार एमपीडी 2041 का प्राथमिक लक्ष्य दिल्ली को पर्यावरण की दृष्टि से जिम्मेदार, भविष्य के लिए तैयार शहर बनाना है जिसमें जीवन जीने में आसानी, अच्छी गुणवत्ता, वहन करने योग्य, स्वच्छ और सुरक्षित रहन-सहन की परिस्थियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

यह सभी के लिए कुशल गतिशीलता विकल्प उपलब्ध करवाने और ‘2041 तक ऐसी ‘स्थायी, रहने योग्य और जीवंत दिल्ली’ को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित करता है जो प्रतिभाओं को आकर्षित करता हो और सभी के लिए आजीविका के अवसरों, समावेशी स्वास्थ्य सुविधाओं और एक डिजिटल शहर जैसी सुविधा प्रदान करता हो.

पर्यावरण सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत – जो इसके फोकस वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है – इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन के लिए पूरी तरह हरित ईंधन में परिवर्तन और पारगमन-उन्मुख विकास (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) के मिश्रित उपयोग को अपनाकर वाहनों के प्रदूषण को कम करना है. टीओडी एक शहरी डिजाइन पैराडाइम (प्रतिमान) है जिसमें शहरी प्रतिस्पर्धा, पर्यावरण सम्बन्धी स्थिरता और सामाजिक समानता प्राप्त करने की क्षमता होती है.
इसमें 300 मीटर चौड़ा हरा-नीला गलियारा भी शामिल है, जिसका उद्देश्य नालियों और नदी के जलमार्गों में सुधार करना और पर्यावरण-सांस्कृतिक संपत्तियों को संरक्षित करते हुए ही ग्रीन बेल्ट (हरी पट्टी) के गांवों में विनियमित विकास की अनुमति देना है.

योजना में यह प्रस्तावित किया गया है कि बुनियादी ढांचे से सम्बंधित एजेंसियों को धूलकण प्रदूषण से निपटने के लिए एक धूल प्रबंधन योजना तैयार करनी चाहिए और सक्षम प्राधिकरणों से इसे मंजूरी दिलवानी चाहिए.

आवास की कमी भी एक ऐसी गंभीर चिंता का विषय है जिस पर यह एमपीडी अपना ध्यान केंद्रित करती है. डीडीए की लैंड पूलिंग नीति, जिसे पहले-पहल 2018 में मंजूरी दे दी गई थी, शहर के बाहरी इलाके में 1.7 से 2 मिलियन (17 से 20 लाख) आवासीय इकाइयों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी. मसौदे में उल्लिखित अन्य प्रमुख पहलुओं में झुग्गी-झोपड़ियों के समूहों में रहने वाले लोगों के लिए किफायती आवास और उन्हें इन-सीटू रिहैबिलिटेशन (उसी स्थान पर पुनर्वास) प्रदान करना हैं.

कनॉट प्लेस, मंडी हाउस, प्रगति मैदान और शाहजहानाबाद (वाल्ड सिटी) जैसे क्षेत्रों सहित शहर के वाणिज्यिक और सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्रों को पुनर्जीवित करने के लिए एक क्षेत्र-आधारित सुधार का दृष्टिकोण अपनाया जाएगा. बेहतर कनेक्टिविटी और परिवहन सम्बंधित बुनियादी ढांचे, निजी से साझा गतिशीलता/आवागमन में बदलाव और दिल्ली को ‘पैदल चलने योग्य’ और ‘साइकिल चलाने योग्य’ शहर बनाने का भी उल्लेख किया गया है.

मसौदे के अनुसार, शहरी परिवहन के सभी साधनों के इस एकीकरण को सफल करने के उद्देश्य से दिल्ली के लिए एक व्यापक गतिशीलता योजना (कॉमन मोबिलिटी प्लान या सीएमपी) तैयार की जाएगी.


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नाइटलाइफ़ सर्किट क्या हैं?

एमपीडी 2041 पर्यटकों, और स्थानीय लोगों को भी, आकर्षित करने के लिए रात में भी लगातार काम, सांस्कृतिक गतिविधि और मनोरंजन की सुविधाओं के लिए शहर में क्षेत्रों की पहचान करने की वकालत करता है. मसौदा योजना में यह समझाया गया है कि ऐसा करना एक जीवंत रात्रिकालीन जीवन को बढ़ावा देकर, कार्यक्षेत्रों की उपयोगिता में विस्तार कर के, और शहर में बेहतर सुरक्षा के द्वारा आर्थिक आय में और भी बेहतरी करेगा.

रात्रिकालीन अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने का प्रयास करते हुए यह योजना बताती है कि सुरक्षा में और अधिक सुधार के लिए एक सक्रिय रात्रि जीवन का होना भी महत्वपूर्ण है. इसके तहत स्थानीय निकाय और पर्यटन विभाग इन क्षेत्रों की पहचान करेंगे और इनमें होटल, रेस्तरां, सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों, मनोरंजन के साथ-साथ खेल सुविधाओं के बंद होने के समय को और बढ़ाएंगे.


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