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Friday, 22 November, 2024
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दिल्ली आबकारी नीति मामला: 18 महीने बाद मिली ज़मानत, AAP नेता मनीष सिसोदिया आए तिहाड़ जेल से बाहर

यह आदेश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने सुनाया. हालांकि, अदालत ने पासपोर्ट सरेंडर करने और गवाहों को प्रभावित न करने समेत कई शर्तें भी लगाईं.

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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया शुक्रवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए.

वे बिना किसी सुनवाई के लगभग 18 महीने तक जेल में रहे.

‘‘भारत माता की जय! इंकलाब ज़िंदाबाद!’’ के नारों के बीच मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल के बाहर उनका स्वागत करने के लिए एकत्र हुए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी अभिवादन किया.

सिसोदिया ने कहा, ‘‘जब से सुबह यह आदेश आया है, तब से मेरा रोम-रोम बाबासाहेब का ऋणी महसूस कर रहा है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं बाबासाहेब का यह ऋण कैसे चुकाऊंगा.’’

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में कथित घोटाले मामले में ज़मानत दे दी.

यह आदेश न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने सुनाया. हालांकि, अदालत ने पासपोर्ट सरेंडर करने और गवाहों को प्रभावित न करने समेत कई शर्तें भी लगाईं.

मनीष सिसोदिया का स्वागत करने के लिए तिहाड़ जेल के बाहर आप नेता और कार्यकर्ता पहुंचे.

पंजाब के मंत्री ब्रह्मशंकर शर्मा-जिम्पा ने कहा, ‘‘वे तिहाड़ जेल में बंद थे और उन्होंने बहुत बहादुरी से इसका सामना किया. पूरे भारत में सभी कार्यकर्ता खुश हैं. मैं पंजाब से आया हूं…हर कोई इसका इंतज़ार कर रहा था. यह बहुत खुशी की बात है.’’

सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने आशंका जताई थी कि गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है.

एएसजी राजू ने कहा कि कुछ महत्वपूर्ण गवाहों से पूछताछ की जा सकती है.

उन्होंने यह भी कहा कि इस बात के सबूत हैं कि उन्होंने फोन रिकॉर्ड नष्ट कर दिए हैं.

एएसजी ने असंबंधित दस्तावेजों की आपूर्ति से संबंधित विभिन्न विविध आवेदन दायर करने के लिए सिसोदिया को दोषी ठहराया था. उन्होंने यह भी कहा कि आगे की जांच के बावजूद मुकदमा आगे बढ़ सकता था.

4 जून को शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतिम आरोप पत्र दाखिल करने के बाद अपनी अपील को फिर से दायर करने की स्वतंत्रता भी दी थी.

फरवरी 2023 में सिसोदिया को अब समाप्त हो चुकी दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था.

विपक्ष द्वारा गड़बड़ी के आरोपों के बीच नीति को वापस ले लिया गया था. सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

सीबीआई के अनुसार, सिसोदिया ने आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह उक्त साजिश के उद्देश्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए उक्त नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में गहराई से शामिल थे.


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