नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लोगों को रविवार को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली और वायु गुणवत्ता सुधार के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी से ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई. रविवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया जबकि इसी समय शनिवार को यह 412 था. फरीदाबाद में यह सूचकांक 228, गाजियाबाद में 241, ग्रेटर नोएडा में 192, नोएडा में 224 और गुड़गांव में 193 दर्ज किया गया.
हवा साफ़ होने पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘फसलें जलनी बंद हो गईं और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ़ हो गई. कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5 प्रतिशत फसलों का प्रदूषण है. तो क्या केवल 5 प्रतिशत प्रदूषण कम होने से एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ज़्यादा से 200 से कम हो गया? प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ़ नीयत से सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है.’
फसलें जलनी बंद हो गयी। और इसके साथ ही दिल्ली की हवा भी साफ़ हो गयी। कुछ लोग कह रहे थे दिल्ली की हवा में केवल 5% फसलों का प्रदूषण है। तो क्या केवल 5% प्रदूषण कम होने से AQI 500 से ज़्यादा से 200 से कम हो गया? प्रदूषण पर राजनीति नहीं, साफ़ नीयत से सबको मिलकर काम करने की ज़रूरत है https://t.co/qDbEuHuntF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 17, 2019
इस मामले पर एक और ट्वीट में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को घेरते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि ये राजनीति करना का नहीं बल्कि मिलकर प्रदूषण कम करने का समय है. दरअसल पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने एक ट्वीट कर केजरीवाल से माफ़ी की मांग की थी.
सर, ये वक़्त राजनीति करने का नहीं बल्कि मिलकर प्रदूषण दूर करने का है
हम सब सरकारों को मिलकर लोगों को प्रदूषण से राहत दिलवाने पर काम करना चाहिए। दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग मिलकर वो सब कर रहे हैं जो हमारे हाथ में है। हमें आपका सहयोग चाहिए सर। https://t.co/HljAFz8EyG
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 16, 2019
उन्होंने राफ़ेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि अरविंद केजरीवाल ने भी ‘चौकीदार चोर है’ के नारे का समर्थन किया था जिसके लिए उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.
इसके के जवाब में जावड़ेकर के ट्वीट को कोट करते हुए केजरीवाल ने लिखा, ‘सर, ये वक़्त राजनीति करने का नहीं बल्कि मिलकर प्रदूषण दूर करने का है. हम सब सरकारों को मिलकर लोगों को प्रदूषण से राहत दिलवाने पर काम करना चाहिए. दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोग मिलकर वो सब कर रहे हैं जो हमारे हाथ में है. हमें आपका सहयोग चाहिए सर.’
आपको बता दें कि दिल्ली की हवा ज़हरीली होने के बावजूद इसे ठीक करने के प्रयासों के बजाए इस पर राजनीति हो रही है. इसी राजनीति में पूर्वी दिल्ली के सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर को जमकर घेरा गया.
दरअसल, प्रदूषण पर शहरी विकास मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की शुक्रवार को एक बैठक हुई. इसमें हाउसिंग और अर्बन अफ़ेयर के प्रतिनिधि, डीडीए, एनडीएमसी, सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को मौजूद रहना था. लेकिन इस मीटिंग को स्थगित करना पड़ा.
मीटिंग इसलिए स्थगित की गई क्योंकि समिति में कुल 31 सदस्य हैं जिनमें दो पद खाली हैं. ऐसे में 29 में से महज़ चार सदस्य इस मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे है. इस समिति के सदस्य गौतम गंभीर भी इस मीटिंग से नादरद थे और इंदौर में भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच की कमेंट्री के सिलसिले में इंदौर पहुंचे गंभीर पोहे-जलेबी का आनंद ले रहे थे जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उनकी जमकर किरकरी हुई.
इसके अलावा दिल्ली नगर निगम के तीनों कमिश्नर, डीडीए के वाइस-चेयरमैन, पर्यावरण मंत्रालय के सचिव और सह-सचिव इसमें मौजूद नहीं थे. बताया जा रहा है कि समिति ने इन अधिकारियों के रवैये का गंभीर संज्ञान लिया है.
आपको बता दें कि वायु गुणवत्ता 201-300 के बीच ‘ख़राब’ मानी जाती है. वहीं 301-400 के बीच ‘बेहद ख़राब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है. राष्ट्रीय राजधानी का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि आर्द्रता का स्तर 71 फीसदी था.
मौसम वैज्ञानिकों ने दिन में आकाश साफ रहने और अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना जाहिर की है. दिल्ली में शुक्रवार तक लगातार चार दिन गहन धुंध छायी रही क्योंकि मौसम के अनुकूल नहीं होने की वजह से प्रदूषक कणों के बिखराव में बाधा आ रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)