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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशदीपिका के भगवे कपड़े पर भड़के गृहमंत्री, बोले- सीन में बदलाव जरूरी नहीं तो MP में फिल्म प्रदर्शन पर करेंगे विचार

दीपिका के भगवे कपड़े पर भड़के गृहमंत्री, बोले- सीन में बदलाव जरूरी नहीं तो MP में फिल्म प्रदर्शन पर करेंगे विचार

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दीपिका पादुकोण दिल्ली के जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के समर्थन में पहुंची थीं.

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नई दिल्ली: एक ओर जहां अपनी फिल्म पठान को सफल बनाने के लिए शाहरुख खान काबा से लेकर मां वैष्णों देवी के दरबार में माथा टेक रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हाल ही में फिल्म के रिलीज हुए गाने ‘बेशर्म रंग’ में दीपिका के सिज़लिंग अंदाज और बिकनी ड्रेस पर विरोध होना शुरू हो गया है.

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने फिल्म के गाने में बदलाव करने की मांग करते हुए कहा है कि यदि बदलाव नहीं किए गए तो फिल्म प्रदर्शन की राज्य में अनुमति दी जाए या नहीं इसके बारे में विचार करना पड़ेगा.

मध्यप्रदेश में इस गाने में दोनों कलाकारों के कपड़ों के रंगों के साथ साथ फिल्म के शीर्षक पर आपत्ति जताई है. मिश्रा ने चेतावनी भी दी कि अगर निर्माता-निर्देशक ने इस फिल्म में ‘सुधार’ नहीं किया, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं.

मिश्रा ने कहा, ‘दूषित मानसिकता के साथ फिल्माए गए गाने ‘बेशर्म रंग’ में अभिनेता और अभिनेत्री को आपत्तिजनक रूप से हरे और भगवा रंग के कपड़े पहनाए गए हैं. इन कपड़ों के रंग, गाने के बोल और फिल्म के नाम (पठान) में सुधार की आवश्यकता है. मेरा मानना है कि गाने का शीर्षक ‘बेशर्म रंग’ भी अपने आप में आपत्तिजनक है.’

उन्होंने कहा कि अगर ‘पठान’ के निर्माता और निर्देशक ने फिल्म में सुधार नहीं किया, तो राज्य में फिल्म के प्रदर्शन को अनुमति देने या न देने पर विचार किया जाएगा.

गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि दीपिका पादुकोण दिल्ली के जवारहलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कथित ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के समर्थन में पहुंची थीं. उन्होंने कहा कि इस कदम के बाद उनकी मानसिकता पहले ही सबके सामने आ चुकी है.

मिश्रा ने 25 जनवरी को प्रदर्शित जाने होने जा रही फिल्म ‘पठान’ के केंद्रीय किरदार शाहरुख खान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘यह अच्छी बात है कि वह (खान) हाल ही में वैष्णोदेवी के दर्शन करने गए थे. मगर एक तरफ वह माताजी के दर्शन करने जाते हैं, तो दूसरी तरफ महिला अदाकारों को अपनी फिल्मों में लगभग बिकिनी में ले आते हैं. यह भी ठीक नहीं है.’


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