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Friday, 15 November, 2024
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भारत ने आंशिक रूप से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर प्रतिबंध हटाया, किसी तरह के दबाव से किया इंकार

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए, भारत ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मजबूत एकजुटता और सहयोग प्रदर्शित करना चाहिए.

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नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार ने दो प्रमुख दवाओं, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और पेरासिटामोल के निर्यात पर आंशिक रूप से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हमने कोविड-19 संबंधित दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स के मुद्दे पर अनावश्यक विवाद पैदा करने के लिए मीडिया के वर्गों द्वारा कुछ प्रयास देखे हैं. किसी भी जिम्मेदार सरकार की तरह, हमारा पहला दायित्व यह सुनिश्चित करना है कि हमारे अपने लोगों की आवश्यकता के लिए दवाओं का पर्याप्त स्टॉक हो. यह सुनिश्चित करने के लिए, कई दवा उत्पादों के निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए कुछ अस्थायी कदम उठाए गए थे.

ज्ञात को कि कई मीडिया में खबरें चल रही थी कि भारत ने अमेरिका के दबाव यह निर्णय लिया है. विदेश मंत्रालय ने इस बात से इंकार करते हुए प्रेस रिलीज़ जारी की है. जिसमें सभी बातों से इंकार किया है. ट्रम्प ने शनिवार को कहा था कि मैंने मोदी से फोन पर बात की, उनसे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा की खेप देने का आग्रह किया है.

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, मित्रता प्रतिशोध के बारे में नहीं होती है. भारत को जरूरत के समय सभी देशों की मदद करनी चाहिए, लेकिन पहले पर्याप्त मात्रा में भारतीयों को जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

उन्होंने यह भी कहा कि इस बीच, विभिन्न परिदृश्यों के तहत संभावित आवश्यकताओं के लिए एक व्यापक मूल्यांकन किया गया था. वर्तमान में परिकल्पित सभी संभावित आकस्मिकताओं के लिए दवाओं की उपलब्धता की पुष्टि होने के बाद, इन प्रतिबंधों को काफी हद तक हटा लिया गया है.

उन्होंने कहा, डीजीएफटी ने कल 14 दवाओं पर प्रतिबंध लगाने को अधिसूचित किया है. पेरासिटामोल और हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) के संबंध में, उन्हें एक लाइसेंस श्रेणी में रखा जाएगा और उनकी मांग की स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जाएगी. हालांकि, स्टॉक की स्थिति हमारी कंपनियों को निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की अनुमति दे सकती है जो उन्होंने अनुबंधित की थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए, भारत ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मजबूत एकजुटता और सहयोग प्रदर्शित करना चाहिए. महामारी के मानवीय पहलुओं के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि भारत हमारे सभी पड़ोसी देशों, जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं, में उचित मात्रा में पेरासिटामोल और एचसीक्यू को लाइसेंस देगा. हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.

आपको बता दें, कोरोनावायरस का क़हर दुनियाभर में जारी है. अबतक 73,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और विश्व में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 13 लाख के पार हो गयी है.

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