नई दिल्ली: संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में समाप्त हुई अमेरिका यात्रा (22-25 सितंबर) के दौरान 157 भारतीय प्राचीन कलाकृतियां लौटा दी हैं. लौटाई गई वस्तुओं, जिन्हें भारत से तस्करी कर लाया गया था, की सूची में 2000 ईसा पूर्व की एक तांबे की मानवरूपी वस्तु और दूसरी सदी का टेराकोटा फूलदान शामिल हैं. भारत सरकार ने कहा कि इनमें से लगभग 45 प्राचीन वस्तुएं सामान्य युग से पहले (बिफोर कामन एरा – बीसीई) की हैं.
इस खबर को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ-साथ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची द्वारा जारी किए गये एक बयान में भी साझा किया गया था.
Homecoming of Indian treasures!
157 Indian antiquities were returned by the Government of USA to the Government of India during the visit of PM @narendramodi to USA. pic.twitter.com/sEYUGF8Umf
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) September 25, 2021
इस साल जनवरी में अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद से जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की यह पहली मुलाकात थी.
पीएमओ द्वारा शनिवार को जारी किए गये एक बयान में कहा गया है कि दोनों देश के नेताओं ने अपनी बैठक के दौरान ‘चोरी, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक वस्तुओं की तस्करी से निपटने के प्रयासों को और मजबूत करने’ के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की थी.
पीएमओ के बयान में आगे कहा गया है, ‘यह क़दम दुनिया भर से हमारी प्राचीन वस्तुओं और कलाकृतियों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों का प्रतीक है.’
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लौटाई गयीं अन्य पुरातन वस्तुएं
अमेरिका द्वारा भारत को सौंपे गए सामानों में रेवंता (एक हिंदू देवता) का 10वीं सदी में बलुआ पत्थर में बनाया गया 1.5-मीटर बेस रिलीफ पैनल, 12वीं सदी की 8.5-सेमी ऊंची नटराज आकृति और 56 टेराकोटा की वस्तुएं शामिल हैं.
इसमें एक 18वीं शताब्दी की म्यान में रखी तलवार भी है, जिस पर सिख गुरु हरगोबिंद सिंह का उल्लेख करते हुए फारसी में एक आलेख है. इसके अलावा लौटाई गई वस्तुओं में लक्ष्मी नारायण, बुद्ध, विष्णु, शिव पार्वती, 24 जैन तीर्थंकरों और अन्य देवी-देवताओं की अलंकृत मूर्तियां भी हैं.
पीएमओ के बयान में कहा गया है कि इनमें से लगभग आधी कलाकृतियां सांस्कृतिक हैं, और बाकी धार्मिक मूर्तियां हैं. इनमे से 60 हिंदू धर्म से, 16 बौद्ध धर्म से और 9 जैन धर्म से संबंधित हैं.
वापस आई हिंदू कलाकृतियों में तीन सिर वाले ब्रह्मा, सूर्य की रथारूढ़ आकृति, विष्णु और उनकी पत्नी, दक्षिणामूर्ति के रूप शिव और एक नृत्य करते हुए गणेश की मूर्तियां शामिल हैं. एक खड़े हुए बुद्ध, बोधिसत्व मजूश्री और तारा की एक मूर्ति लौटाई गई बौद्ध कलाकृतियों में शामिल हैं. जैन तीर्थंकरों, पद्मासन तीर्थंकर और जैन चौबिसी की मूर्तियों के रूप में जैन कलाकृतियां भी शामिल हैं.
अन्य कलाकृतियों में समाभंगा में एक युगल और ढोल बजाती एक महिला की आकृति शामिल हैं.
एक अज्ञात कलाकार की पेंटिंग भी वापस की गई है. इसमें लगे रबर की मुहर से इसकी बीकानेर के महाराजा के व्यक्तिगत संग्रह के हिस्से के रूप में पहचान होती है.
साल 2019 में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (एएसआई) ने घोषणा की थी कि गुप्त काल की कुछ मूर्तियों और हड़प्पा सभ्यता की टेराकोटा वस्तुओं सहित कई भारतीय पुरावशेषों को अमेरिका में जब्त किया गया है. इसके बाद एएसआई की एक टीम ने इन वस्तुओं की पहचान करने के लिए न्यूयॉर्क का दौरा किया. इनमें से ‘महत्वपूर्ण ऐतिहासिक मूल्य’ की 17 वस्तुएं कथित कला तस्कर सुभाष कपूर, जिसे 2011 में फ्रैंकफर्ट से गिरफ्तार किया गया था, के भंडार से थीं.
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