बेंगलुरू: पिछले बृहस्पतिवार को एक प्लेट पानी पूरी को लेकर एक दलित व्यक्ति पर लिंगायत लोगों के एक समूह का हमला, और उसके बाद दोनों पक्षों के बीच हाथापाई से कर्नाटक के मैसूरू में जयपुरा गांव में तनाव पैदा हो गया है.
मैसूरू ग्रामीण पुलिस अधीक्षक (एसपी) आर चेतन ने, जो रविवार सुबह गांव में थे, दिप्रिंट से कहा कि शुक्रवार को दो क्रॉस शिकायतें दायर की गईं थीं, जिनके आधार पर एफआईआर्स दर्ज कर ली गईं हैं. अगले दिन स्थानीय पुलिस ने एक दलित व्यक्ति की शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता और एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989, की धाराओं के तहत गांव के छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
एसपी चेतन ने कहा कि अभी भी दोनों मामलों की जांच चल रही है.
पुलिस को अपनी शिकायत में प्रसन्ना ने- जिनका संबंध एक अनुसूचित जाति आदि कर्नाटक से हैं- कहा कि सारा मामला बृहस्पतिवार शाम शुरू हुआ, जब वो गांव के एक स्टॉल पर ‘पानी पूरी’ खा रहा था. उसने आगे कहा, ‘प्लेट फेंकते समय डस्टबिन की बजाय मैंने ग़लती से उसे ज़मीन पर गिरा दिया. मूर्ति, सचिन और नवीन ने, जो उस समय स्टॉल पर मौजूद थे, मुझे गालियां देकर मारना शुरू कर दिए’.
गांव के बुज़ुर्गों ने बृहस्पतिवार शाम उसे घर भेज दिया, और आश्वासन दिया कि वो इस मामले पर अगले दिन चर्चा करेंगे. लेकिन, शुक्रवार सुबह, लिंगायत समाज के छह लोग उसके घर में घुस आए, और उसके परिवार पर हमला किया जिसमें उसकी मां और पत्नी भी थीं. प्रसन्ना ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने जातिसूचक गालियां भी दीं.
यह भी पढ़ें: कॉलेजों में ‘हिजाब vs भगवा स्कार्फ’ विवाद वापसी के बाद यूनिफॉर्म ड्रेस कोड ला सकती है कर्नाटक सरकार
उसने आगे कहा, ‘उन्होंने लोहे की छड़ से मेरे भाई पर हमला किया, हमारी जाति को गालियां दीं और धमकी दी कि वो हमें और हमारे घर को आग के हवाले कर देंगे’. उसने ये भी कहा कि वो लोग पिछली शाम को हुई हाथापाई को लेकर ग़ुस्साए हुए थे.
प्रसन्ना ने दावा किया कि घटना के बाद उसे अपने परिवार के घायल सदस्यों को अस्पताल ले जाना पड़ा था.
जवाबी शिकायत में कहा गया- ये उन्होंने ही शुरू किया
इस बीच गांव के एक निवासी महादेव स्वामी ने, जिसका संबंध लिंगायत समुदाय से है, पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा कि बृहस्पतिवार को एक झड़प हुई थी, जिसके बाद दोनों समुदाय मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने पर सहमत हो गए थे.
उसने दावा किया, ‘लेकिन शुक्रवार सुबह प्रसन्ना का भाई और उसके साथियों ने मुझे और मेरे भतीजे को उस समय रोक लिया, जब हम अपनी बाइक पर जा रहे थे. उन्होंने हम पर हमला किया और हमें जान से मारने की धमकी दी’. उसने आगे कहा कि उन्हें भी अपनी चोटों का इलाज कराना पड़ा.
मैसूरू ग्रामीण पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘गांव के बुज़ुर्गों के दख़ल देने के बाद मामला सुलझ गया था. लेकिन अगली सुबह इस घटना को लेकर दोनों गुट फिर टकरा गए. दोनों पक्षों को चोटें आईं हैं’.
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)