नई दिल्ली: राजस्थान के नागौर जिले में कथित रूप से चोरी करते हुए पकड़े गए दो दलितों की बेरहमी से पिटाई का मामला सामने आया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि युवक के प्राइवेट अंग में स्क्रू डाइवर डाला जा रहा है. पुलिस ने इस संबंध में पांच लोगों को हिरासत में लिया है.
दलितों की बेरहमी से पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस घटना पर राजनीतिक क्षेत्र से लेकर सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने निंदा की है.
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, ‘नागौर की भयावह घटना में तुरंत कदम उठाए गए हैं और अभी तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. किसी को नहीं बख्शा जाएगा. दोषियों को कानून के मुताहित सजा दी जाएगी और हम आश्वस्त करते हैं कि पीड़ितों को न्याय मिलेगा.’
In the horrific incident in Nagaur, immediate and effective action has been taken and seven accused have been arrested so far. Nobody will be spared. The culprits will be punished according to the law and we will ensure that the victims get justice.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2020
राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज सुबह ही विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर एक ट्वीट किया. जिसमें लिखा है कि ‘गरीबी उन्मूलन, बेरोजगारी दूर करना और सामाजिक कुरीतियों को हटाना के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. हमारा लक्ष्य सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और मानवाधिकार की रक्षा करना है.’
On #WorldDayofSocialJustice, we renew our commitment towards poverty eradication, reducing unemployment and social disparities. Our goal is to bring about Social Justice, gender equality and to protect human rights of all.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 20, 2020
मुख्यमंत्री जहां सामाजिक न्याय और समानता के प्रति प्रतिबद्धता जता रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ राज्य में दलितों के साथ बर्बरतापूर्ण घटना घटित हो रही है. पिछले दिनों राजस्थान में ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं.
पांचौड़ी थाना प्रभारी राजपाल सिंह ने बताया कि घटना रविवार को एक दुपहिया वाहन कंपनी के शोरूम में हुई. शोरूम के कर्मचारियों ने कथित तौर पर चोरी करते पकड़े गए दो लोगों को बेरहमी से पीटा. इसका वीडियो भी बना लिया गया. यह सामने आने के बाद पीड़ितों ने बुधवार को मामला दर्ज कराया.
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के अलावा एजेंसी की ओर से दोनों के खिलाफ पैसे चुराने के आरोप में मामला दर्ज करवाया गया है. उन्होंने कहा कि मारपीट के संबंध में पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है.
राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाब चंद कोठारी ने कहा कि लोगों में प्रशासन का डर खत्म हो गया है. पुलिस को जल्दी से जल्दी अपनी जांच प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए. जिससे आगे से इस तरह की घटना न हो.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान के नागौर में हुई घटना में दो दलित युवकों के साथ बर्बरता भरा वीडियो भयावह है. मैं राज्य सरकार से आग्रह करता हूं कि वो इस मामले में जल्दी से कदम उठाए और दोषियों को सजा दे.’
The recent video of two young Dalit men being brutally tortured in Nagaur, Rajasthan is horrific & sickening. I urge the state Government to take immediate action to bring the perpetrators of this shocking crime to justice.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 20, 2020
नागौर में दलित युवक के साथ हुई घटना पर भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट कर कहा, ‘राजस्थान में दलितों का जीना मुश्किल हो गया है. अशोक गहलोत जी कुछ शर्म बची हो तो तुरंत कुर्सी छोड़ दो. भीम आर्मी राजस्थान की टीम तुरंत पीड़ितों से मिले और 23 फरवरी को पूरा राजस्थान बंद कर दो.’
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा, ‘दलितों के खिलाफ कांग्रेस शासित राजस्थान में उत्पीड़न की घटना कम होती नहीं दिख रही है. अशोक गहलोत राजस्थान के लिए आपदा हैं.’
500 रु. के लिए एक दलित युवक के हाथ-पैर बांधकर पिटाई की गई और उसकी गुदा में स्क्रू ड्राइवर घुसा दिया।
मीडिया में इंसाफ की बातें होतीं अगर भाजपा प्रदेश में ये घटना होती, पर चूंकि घटना कांग्रेस शासित राजस्थान में हुई, इसलिए शांति बनाए रखें।
ये है कांग्रेस का असली दलित प्रेम… pic.twitter.com/laSFmsK8Kf
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 20, 2020
कांग्रेस की दलित ईकाई दलित कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं और अशोक गहलोत से आग्रह करते हैं कि वो इस मामले की जांच करवाएं और दोषियों को सज़ा दिलवाएं.’
यूपी के मुजफ्फरनगर में दलितों के साथ अत्याचार के 54 मामले आए सामने
मुजफ्फरनगर में मौजूदा वित्त वर्ष में दलितों पर कथित उत्पीड़न और अत्याचार के 54 मामले सामने आए हैं, जिनमें हत्या के नौ और बलात्कार के 16 मामले शामिल हैं.
जिला सामाज कल्याण विभाग ने बताया कि पीड़ितों को अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 के तहत 1.54 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में दिए गए हैं. मुआवजे की राशि जिला अधिकारियों की सिफारिश पर दी गई.