लखनऊ: यूपी के कानपुर जिले के राजकीय बाल संरक्षण गृह (शेल्टर होम) में 57 लड़कियां कोरोना संक्रमित पाई गई हैं. इन संक्रमित लड़कियों में 7 प्रेग्नेंट हैं जिनमें से 5 कोविड-19 पॉजिटिव पाई गई हैं. प्रशासन का कहना है कि ये सातों शेल्टर होम आने से पहले ही प्रेग्नेंट थीं. इससे पहले प्रशासन ने दो के प्रेग्ननेंट होने की जानकारी दी थी.
वहीं इससे पहले प्रशासन ने जिन दो लड़कियों के गर्भवती होने की जानकारी दी थी, उनकी उम्र 17 साल बताई जा रही है.
ताजा जानकारी के अनुसार कानपुर के डीएम बीडी आर तिवारी का कहना है कि 7 गर्भवती लड़कियों में से 5 यहां अन्य जिलों से लाई गई थीं जबकि 2 यही रह रही थीं.
जबकि इससे पहले दिप्रिंट से बातचीत में कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी का कहना था कि दिसंबर 2019 में प्रग्नेंट दोनों लड़कियों में से एक आगरा और एक कन्नौज से यहां आई थीं. उन्हें वहां से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी द्वारा रेकमेंड किया गया था. ये उसी वक्त से प्रेग्नेंट हैं. दोनों जगह रेप के मुकदमे भी चल रहे हैं.
प्रियंका गांधी ने उठाए सवाल
इस मामले में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर सवाल खड़े किए हैं. प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा है- कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में 57 बच्चियों को कोरोना की जांच होने के बाद एक हैरानी करने वाला तथ्य सामने आया. 2 बच्चियां गर्भवती निकलीं हैं और एक को एड्स पॉजिटिव निकला है.
वह लिखती हैं कि मुजफ्फरपुर (बिहार) के बालिका गृह का पूरा किस्सा देश के सामने है. यूपी में भी देवरिया से ऐसा मामला सामने आ चुका है. ऐसे में पुनः इस तरह की घटना सामने आना दिखाता है कि जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है लेकिन सरकारी बाल संरक्षण गृहों में बहुत ही अमानवीय घटनाएं घट रही हैं.
वहीं प्रशासन ने अब इस बालिका गृह को सील कर दिया है. साथ ही यहां के स्टाफ को क्वारेंटाइन कर दिया गया है.
एसएसपी दिनेश कुमार पी के मुताबिक, कानपुर मेडिकल काॅलेज में सबका ट्रीटमेंट चल रहा है. कई लोग गलतफहमियां फैला रहे हैं कि लड़कियां शेल्टर होम में प्रेग्नेंट हुई हैं. ऐसा बिलकुल नहीं हैं.
बालिका गृह सील होने के कारण अभी कई डाॅक्युमेंट नहीं मिल पाए हैं लेकिन जल्द मिल जाएंगे जिससे पता चल जाएगा कि वे कब से प्रेग्नेंट हैं. साथ ही कोरोना से संबंधित ये भी जानकारी मिल जाएगी की पिछले 2 महीने में कौन आया और गया.
राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर ने बताया कि कानपुर के राजकीय बालिका गृह में कुछ स्टाफ मेंबर कानपुर के हैलेट अस्पताल गए था जिसके बाद बालिका गृह में संक्रमण फैला.
वहीं रही प्रेग्नेंसी की बात तो वहां किसी भी पुरुष का जाना वर्जित है. ऐसे में मामले को तोड़-मरोड़कर ना पेश किया जाए. वे दो बच्चियां पहले से प्रेग्नेंट थीं.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला मथुर व सीएम योगी ने इस मामले में डीएम से बातचीत की है. फिलहाल सभी बच्चियों का इलाज चल रहा है.
बता दें कि बीते कुछ दिनों से कानपुर के राजकीय बालिक संरक्षण गृह में रहने वाली कुछ लड़कियों में कोरोना के लक्षण दिख रहे थे. इसके बाद शनिवार को स्थानीय प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी.
जब इन लड़कियों की जांच करानी शुरू की गई तो पता चला कि बाल संरक्षण गृह में रहने वाली दो लड़कियां गर्भवती हैं. एक को एचआईवी है तो एक लड़की हेपेटाइटिस सी से ग्रसित है. इसके बाद स्थानीय मीडिया में ये सवाल उठने लगे कि आखिर बालिका संरक्षण गृह में लड़कियां कैसे गर्भवती हो गईं जिस पर पुलिस और राज्य महिला आयोग ने अपना पक्ष रखा है.