दिल्ली दंगों में मारे गए दो बेटों के जनाजे में जाना बाबू खान के जीवन का सबसे कठिन सफर था
पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों में मारे गए आमिर खान (30) और हाशिम अली (19) के शवों को तेग बहादुर अस्पताल ने शनिवार को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा. तस्वीरें प्रवीण जैन की.
शनिवार को जीटीबी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद वैन में अमीर और हाशिम का शरीर रखा हुआ. एक रिश्तेदार शव को वापस घर ले जाने की व्यवस्था में लगा हुआ | फोटो: प्रवीण जैन | दिप्रिंट
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नई दिल्ली: पूर्वोत्तर दिल्ली के मुस्तफाबाद में बाबू खान ने अपने जीवन की सबसे कष्टदायक यात्रा की. शनिवार को अपने दो जवान बेटों के शवों को उन्होंने कंधा दिया.
करीब शाम के 5 बजे थे जब दोनों भाइयों आमिर खान (30) और हाशिम अली (19) को कथित तौर पर नंगा कर मार डाला गया था. दिल्ली के दंगों के शिकार दोनो भाइयों का शव जीटीबी अस्पताल ने पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया.
दिल्ली में मारे गए 48 लोगों में वे भी शामिल थे.
इस घटना से पूरी तरह से टूट चुके पिता बाबू खान, पहले तो शवों को मुस्तफाबाद अपने घर ले गए. जहां आमिर की दो बेटियां जिनकी उम्र चार और दो साल हैं, अपने पिता के लौटने का इंतज़ार कर रहीं थी.
शवों को पहले उनके घर पुराने मुस्तफाबाद ले जाया गया जहां हज़ारों लोग उनके परिवार को संवेदना व्यक्त करने पहुंचे. फिर शुरू हुआ वो सफर जिसे बाबू खान ने अपने जीवन का ‘सबसे कठिन सफर’ बताया- अपने कंधों पर अपने दो बेटों के शव को जनाज़े के लिए ले जाना.
वैन से उतारे गए, कफन में लिपटे अपने दोनों बच्चों के शवों को देखते हुए बाबू खान | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटदंगे में मारे गए दो भाइयों में से हाशिम की मोबाइल पर तस्वीर दिखाता हुआ उनका एक रिश्तेदार | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंट.बाबू खान घर ले जाने के दौरान अपने बच्चों शवों के साथ, हाथ में मृत घोषित होने का पेपर लिए हुए | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटमुस्तफाबाद की एक सकरी गली में स्थित बाबू खान घर , बच्चों के शवों को वैन के अंदर से निकालने के लिए इकट्ठा सैकड़ों लोग |फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटआमिर खान और हाशिम की मां असगरी गमगीन हैं. दुखी-पीड़ित बहनें नगमा और रेहाना शवों के इंतजार में, अपने भाइयों की तस्वीरों को मोबाइल फोन पर देखती हुईं| फोटो: प्रवीण जैन | दिप्रिंटशवों को दफनाने से पहले लोग इंतजार करते हुए |फोटो- प्रवीण जैन | दिप्रिंटलोग जनाजे (शव यात्रा) की तैयारी में |फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटश्रद्धांजलि के लिए दोनों शवों को पुराने मुस्तफाबाद में उनके घर के बाहर खाट पर रखा गया और उन्हें दफनाने के लिए ले जाते हुए | फोटो- प्रवीण जैन | दिप्रिंटमुस्तफाबाद में शवों को दफनाने के लिए जनाजे में शामिल सैकड़ों लोग | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटकिलोमीटर भर की यात्रा के बाद शव को कब्र में दफनाने के लिए उतारते लोग | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंटलोग शवों को नीचे उतारने में मदद करते हुए | फोटो- प्रवीण जैन, दिप्रिंट
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