कोलकाता: जाली दस्तावेज़ के आधार पर भारत में घुसने वाले और पिछले साल से यहां रह रहे बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू कर दिया है. शनिवार की सुबह कोलकाता पुलिस ने शहर के एक होटल से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसकी बाद में पहचान सलीम मतब्बर के रूप में हुई.
मतब्बर ने पूछताछ के दौरान दावा किया कि वो पिछले साल जाली दस्तावेज़ के आधार पर भारत में घुसा और यहां ‘रवि शर्मा’ के नाम से रह रहा था. उसने यह भी दावा किया कि वो बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का पूर्व सदस्य है, जो तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली आवामी लीग के साथ विवाद के बाद भारत भाग आया.
कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मतब्बर ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड सहित जाली दस्तावेज़ का उपयोग करके एक नकली भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया.
मतब्बर को कोलकाता के मार्क्विस स्ट्रीट स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया, जो भारत आने वाले बांग्लादेशियों के बीच लोकप्रिय है.
मतब्बर के अलावा, पुलिस ने शनिवार को पड़ोसी जिले नादिया से चार अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. इनमें से कम से कम एक महिला समेत चार लोग पिछले गुरुवार को बिना वैध पासपोर्ट या वीज़ा के भारत में घुस आए थे और एक स्थानीय निवासी के साथ रह रहे थे.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ये गिरफ्तारियां की गईं.
बांग्लादेश में एक हिंदू संन्यासी की देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में ये गिरफ्तारियां की गईं. इस पृष्ठभूमि में तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को दोहराया कि बांग्लादेश में अस्थिर स्थिति एक केंद्रीय विषय है और टीएमसी इस पर टिप्पणी करने से परहेज़ करेगी.
उन्होंने कहा, “मैंने अपना रुख साफ कर दिया है कि आपको देश के संविधान का पालन करना होगा और राज्य की इसमें कोई भूमिका नहीं है. बांग्लादेश सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.”
डायमंड हार्बर से सांसद ने कहा कि टीएमसी “केंद्र के फैसले का समर्थन करेगी, या उस स्थिति में गृह मंत्रालय या विदेश मंत्रालय को एक अधिसूचना पारित करनी चाहिए” जिसमें राज्य सरकार से सीमा पार घुसपैठ के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा जाए. डायमंड हार्बर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने मीडिया से कहा, “यह बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) का काम है, बंगाल पुलिस का नहीं। अमित शाह ही इस मंत्रालय को देख रहे हैं.”
दूसरी ओर, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई ने चेतावनी दी है कि अगर बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहती है, तो व्यापक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. भाजपा ने बांग्लादेशी नागरिकों को कोलकाता के अस्पतालों में इलाज कराने से रोकने की भी धमकी दी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप लगाते हुए कि वह अवैध रूप से देश में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिकों को “आश्रित” करती है, भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने दिप्रिंट से कहा, “भारत-बांग्लादेश सीमा छिद्रपूर्ण है और जल निकाय एक एजेंसी के लिए अवैध घुसपैठ को रोकना मुश्किल बनाते हैं, लेकिन बंगाल बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के लिए अवैध दस्तावेज़ हासिल करने और भारत में बसने का केंद्र बन गया है.”
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